नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पार्टी के भीतर कई नेताओं के विद्रोह का सामना कर रहे हैं जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की पेशकश की है.
जानकारी के अनुसार वह अब अमित शाह से मिलेंगे और राजनाथ से भी मिलने की संभावना है. लेकिन सूत्रों ने कहा कि अपनी शर्तों पर वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. वे अपने बेटे को केंद्र में लाना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ भाजपा मुख्यमंत्रियों को 17 पन्ने का पत्र लिखा है, उन मुख्यमंत्रियों को दिशानिर्देशों के अनुसार काम करना होगा, यह पत्र येदुरप्पा को भी दिया गया था. अगर मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के अनुसार काम नहीं करेंगे तो पार्टी को उन्हें (सीएम) बदलना होगा.
बता दें कि येदियुरप्पा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और कावेरी नदी पर मेकेदतु परियोजना समेत राज्य के लंबित कार्यों पर चर्चा की थी.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब राजनीतिक हलकों में ये अटकलें तेज हैं कि येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा रहा है. कर्नाटक भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेता येदियुरप्पा और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार तथा प्रशासन में हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर खुलेआम निशाना साध रहे हैं जिससे पार्टी तथा सरकार की फजीहत भी हो रही है. पार्टी का एक अन्य धड़ा येदियुरप्पा (79) को उनकी उम्र को देखते हुए हटाने की मांग कर रहा है तथा 2023 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री का नया चेहरा पेश करने की जरूरत पर जोर दे रहा है.
पढ़ें :-पंजाब कांग्रेस संकट : कैप्टन अमरिंदर से मिले प्रदेश प्रभारी हरीश रावत
हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे की अटकलों को शनिवार को खारिज करते हुए कहा कि इनमें कोई सच्चाई नहीं है. इस्तीफे के सवाल पर येदियुरप्पा ने टूक कहा कि 'हर्गिज नहीं, हर्गिज नहीं'.
इस सवाल पर कि क्या उन्होंने इस्तीफा दे दिया, यहां कर्नाटक भवन में येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा कि बिल्कुल भी नहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अफवाह में कतई सच्चाई नहीं है.