शिमला: विद्या समीक्षा केंद्र योजना लागू करने वाला हिमाचल देश का चौथा राज्य बन गया है. गुजरात, उत्तराखंड व गोवा के बाद हिमाचल इसे लागू करने वाला चौथा राज्य है. हालांकि, देश के अन्य राज्य भी इस योजना को लागू करने की दिशा में आगे बढ़े हैं, लेकिन उपरोक्त चार राज्य इसे लागू करने में अग्रणी हैं. विद्या समीक्षा केंद्रों के जरिए स्कूलों के साथ-साथ उसमें पढ़ रहे छात्रों के प्रदर्शन, सुधार व अन्य समग्र बिंदुओं की समीक्षा की जाती है. सबसे पहले इसे गुजरात ने लागू किया और इसके बेहतर परिणाम आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात में विद्या समीक्षा केंद्र योजना से जुड़े एक कार्यक्रम में देश के अन्य राज्यों को इसे लागू करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया था.
हिमाचल में समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय में ही तीन करोड़ रुपए की लागत से विद्या समीक्षा केंद्र तैयार किया गया है. हिमाचल में समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आईएफएस अधिकारी डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार हिमाचल में इस परियोजना में केंद्र सरकार के पीएसयू टीसीआईएल का सहयोग रहेगा. इस समीक्षा केंद्र से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा, शिक्षण, शैक्षणिक ढांचे, छात्रों की परफार्मेंस आदि की समीक्षा की जाएगी. वैसे तो ये शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही कान्वे जीनियस नामक संस्था का इनिशिएटिव है, लेकिन हिमाचल में सरकार ने विद्या समीक्षा केंद्र के लिए केंद्र सरकार के पीएसयू टीसीआईएल का सहयोग लिया है. यह केंद्र छात्रों के सर्वांगीण विकास और उनके सीखने की क्षमता, पढ़ाई में कमजोर पहलू, सुधार की गुंजाइश और समूचे शैक्षणिक बिंदुओं में सुधार के उपायों आदि पर समीक्षा करेगा.
विद्या समीक्षा केंद्र योजना की शुरुआत करते हुए राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्विफ्ट चैट एआई द्वारा संचालित विद्या समीक्षा केंद्र हिमाचल प्रदेश के सभी विद्यालयों को प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित प्रणाली के जरिए और अधिक सक्षम बनाएगा. शिक्षा में एआई तकनीक के जरिए यह प्रणाली छात्रों, शिक्षकों और प्रशासकों को उपयुक्त अध्ययन सामग्री और जानकारी से लैस करेगी. सीएम ने बताया कि विद्या समीक्षा केंद्र राज्य में शिक्षा से जुड़े सभी प्रमुख कार्यक्रमों की प्रभावी निगरानी में सहायता करेगा.