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विद्या समीक्षा केंद्र योजना लागू करने वाला हिमाचल देश का चौथा राज्य, जानिए कैसे ये केंद्र करेंगे स्कूल और छात्रों की मदद

हिमाचल प्रदेश विद्या समीक्षा केंद्र योजना लागू करने वाला देश का चौथा राज्य बन गया. आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में विद्या समीक्षा केंद्र योजना की शुरुआत की. हिमाचल में समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय में ही तीन करोड़ रुपए की लागत से विद्या समीक्षा केंद्र तैयार किया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 23, 2023, 6:59 PM IST

शिमला: विद्या समीक्षा केंद्र योजना लागू करने वाला हिमाचल देश का चौथा राज्य बन गया है. गुजरात, उत्तराखंड व गोवा के बाद हिमाचल इसे लागू करने वाला चौथा राज्य है. हालांकि, देश के अन्य राज्य भी इस योजना को लागू करने की दिशा में आगे बढ़े हैं, लेकिन उपरोक्त चार राज्य इसे लागू करने में अग्रणी हैं. विद्या समीक्षा केंद्रों के जरिए स्कूलों के साथ-साथ उसमें पढ़ रहे छात्रों के प्रदर्शन, सुधार व अन्य समग्र बिंदुओं की समीक्षा की जाती है. सबसे पहले इसे गुजरात ने लागू किया और इसके बेहतर परिणाम आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात में विद्या समीक्षा केंद्र योजना से जुड़े एक कार्यक्रम में देश के अन्य राज्यों को इसे लागू करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया था.

हिमाचल में समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय में ही तीन करोड़ रुपए की लागत से विद्या समीक्षा केंद्र तैयार किया गया है. हिमाचल में समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आईएफएस अधिकारी डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार हिमाचल में इस परियोजना में केंद्र सरकार के पीएसयू टीसीआईएल का सहयोग रहेगा. इस समीक्षा केंद्र से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा, शिक्षण, शैक्षणिक ढांचे, छात्रों की परफार्मेंस आदि की समीक्षा की जाएगी. वैसे तो ये शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही कान्वे जीनियस नामक संस्था का इनिशिएटिव है, लेकिन हिमाचल में सरकार ने विद्या समीक्षा केंद्र के लिए केंद्र सरकार के पीएसयू टीसीआईएल का सहयोग लिया है. यह केंद्र छात्रों के सर्वांगीण विकास और उनके सीखने की क्षमता, पढ़ाई में कमजोर पहलू, सुधार की गुंजाइश और समूचे शैक्षणिक बिंदुओं में सुधार के उपायों आदि पर समीक्षा करेगा.

विद्या समीक्षा केंद्र योजना की शुरुआत करते हुए राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्विफ्ट चैट एआई द्वारा संचालित विद्या समीक्षा केंद्र हिमाचल प्रदेश के सभी विद्यालयों को प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित प्रणाली के जरिए और अधिक सक्षम बनाएगा. शिक्षा में एआई तकनीक के जरिए यह प्रणाली छात्रों, शिक्षकों और प्रशासकों को उपयुक्त अध्ययन सामग्री और जानकारी से लैस करेगी. सीएम ने बताया कि विद्या समीक्षा केंद्र राज्य में शिक्षा से जुड़े सभी प्रमुख कार्यक्रमों की प्रभावी निगरानी में सहायता करेगा.

मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्या समीक्षा केंद्र स्विफ्ट चैट पर एआई चैटबाट डिजिटल मित्र की तरह काम करेगी. इससे छात्रों का उचित मार्गदर्शन होगा. इसके जरिए न केवल शिक्षकों की सहायता होगी, बल्कि यह प्रशासकों के लिए मूल्यवान डेटा भी उपलब्ध करवाएगा. यह केंद्र जिलों, खंडों और स्कूलों के लिए डैशबोर्ड और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में प्रगति, टीचर्स ट्रेनिंग और समग्र स्कूल प्रदर्शन से जुड़ा डेटा उपलब्ध होगा. सीएम सुखविंदर सिंह का मानना है कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक जोड़कर सुधार की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तकनीकी शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा लर्निंग इत्यादि आईटी आधारित सिलेबस शुरू किए हैं.

दोनों पड़ोसी पहाड़ी राज्य अव्वल:विद्या समीक्षा केंद्र योजना को लागू करने में दो पड़ौसी पहाड़ी राज्य अव्वल हैं. उत्तराखंड के बाद हिमाचल का नाम भी इस कड़ी में जुड़ा है. हिमाचल में साक्षरता दर 85 फीसदी से अधिक है. यहां सरकारी सेक्टर में 15,313 प्राइमरी, मिडिल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की विशाल शृंखला है. पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां की परेशानियां अलग हैं. कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है, जिसका कारण भौगोलिक भी है. ऐसे में हिमाचल में विद्या समीक्षा केंद्र एक शानदार पहल है. ये केंद्र राज्य के स्कूलों की विभिन्न समस्याओं, शिक्षा का स्तर, शिक्षकों की संख्या, छात्रों को पेश आ रही परेशानियों, मिड डे मील की व्यवस्था, छात्र-शिक्षक अनुपात, छात्रों का रिपोर्ट कार्ड, विषय विशेष में उनकी दक्षता अथवा कमजोरी, शिक्षकों की ट्रेनिंग की जरूरतों, खेलकूद में बच्चों की रुचि, अध्ययन और अध्यापन की सुविधाओं आदि की समीक्षा हो सकेगी. समीक्षा के बाद राज्य सरकार के पास एक ऐसा डाटा आएगा, जिसकी मदद से कमियों को दूर किया जा सकेगा. इस तरह उपरोक्त योजना राज्य के शिक्षा ढांचे को बुलंदियों तक पहुंचाने में मदद करेगा.

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