शिमला:हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद आई आपदा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति और किन्नौर में राहत व बचाव कार्य की खुद निगरानी की. इसके बाद अब मुख्यमंत्री शिमला वापस लौट आए हैं. शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के बाद विभिन्न जगहों पर करीब 70 हजार सैलानी फंसे थे, जिनमें से 60 हजार का रेस्क्यू कर सकुशल उनके घर भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि बाकी करीब 10 हजार सैलानी भी सुरक्षित हैं जो कि अपनी गाड़ियों के साथ हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुल्लू-मनाली में 48 घंटे के भीतर पानी, बिजली, पानी और मोबाइल कनेक्टिविटी दी गई, जिससे सैलानी भी अपने घरों से संपर्क कर पाए हैं. सीएम ने कहा कि मनाली से 90 फीसदी सैलानियों को निकाल दिया गया है. कसौल गिरी गंगा आदि में बड़ी संख्या में युवा पर्यटक हैं, यहां पर 500 मीटर सड़क बह गई है, उसको ठीक करने में समय लगेगा. लेकिन इन इलाकों के सैलानियों का भी शाम तक संपर्क उनके घरवालों से करवा दिया जाएगा. इसी तरह तीर्थन वैली तक भी सड़क को आज शाम तक बहाल कर दिया जाएगा.
सरकार ने तुरंत शुरू किया बचाव कार्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश के बाद कुल्लू के नगवाई, आलू ग्राउंड में 150 लोग फंस गए थे जिनको तुरंत निकालने का काम किया गया. इसके साथ ही सैलानी को निकालने का काम शुरू किया गया और अब करीब 80 फीसदी सैलानी निकाल दिए गए हैं. कुल्लू, मनाली में पानी, बिजली को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पंडोह से मंडी सड़क पर वन वे ट्रैफिक किया गया है और वहां से कल 15000 गाड़ियो को निकाला निकाला गया है उन्होंने कहा इस मार्ग को कल शाम तक बहाल कर दिया जाएगा.
चंद्रताल में जीरो डिग्री में चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सबसे चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान लाहौल-स्पीति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी का रहा है. यहां पर लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण वायु सेना के लिए हेलीकॉप्टर उतारना संभव नहीं था. यहां पर प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने माइनस 4 डिग्री में बचाव अभियान की निगरानी की. नेगी और अवस्थी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो चंद्रताल पर पहुंचे.
Read Also-Mandi News: 4 फीट कीचड़ में चलकर CM सुक्खू ने जाना लोगों का हाल, प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा
इसके बाद सुबह 7 बजे यहां से 300 सैलानियों को चार से छह फुट जमी बर्फ में लोसर पहुंचाया. उन्होंने कहा कि 65 साल की उम्र में जगत सिंह नेगी ने ऐसी जगह रेसकयू आपरेशन चलाया जहां ऑक्सीजन की कमी थी और जीरो डिग्री से भी कम तापमान था. मुख्यमंत्री ने बताया कि उनको पूरे देश से फोन आ रहे थे कि चंद्रताल कब खुलेगा. एक व्यक्ति का कल रात 1.30 बजे फोन आया था. इसके तुरंत बाद ही जगत नेगी ने उनको सूचना कि वे चंद्रताल पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि जगत सिंह नेगी और संजय अवस्थी की सूझबूझ से यहां अभियान चलाकर 300 जिंदगियों को बचा दिया गया है.