बेंगलुरु: सीएम सिद्धारमैया ने शहर के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि महानगर में ट्रैफिक की भीड़ को ध्यान में रखते हुए उन्हें दी गई 'जीरो ट्रैफिक सुविधा' (zero traffic facility) को वापस लिया जाए.
उन्होंने ट्वीट किया, 'मैंने बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त को मेरे वाहन यातायात के लिए दी गई शून्य यातायात सुविधा को वापस लेने के लिए सूचित किया है.' उन्होंने कहा कि यह निर्णय यातायात की भीड़ के कारण जनता को हो रही असुविधा को देखते हुए लिया है.
गौरतलब है कि शहर में रविवार को भारी बारिश के कारण केआर सर्कल के पास हुए हादसे में इंफोसिस की एक युवती की मौत हो गई. जिस अस्पताल में युवती को भर्ती कराया गया था, उस अस्पताल के दौरे के दौरान ट्रैफिक और लोगों द्वारा अनुभव की गई समस्या को महसूस करने के बाद उन्होंने फैसला किया है कि जीरो ट्रैफिक सुविधा नहीं चाहिए.
सिद्धारमैया ने 20 मई को ही सीएम के रूप में पदभार संभाला है. उन्होंने पहले 2013 से 2018 तक पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा किया था. इससे पहले 2018 में जब कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार सत्ता में आई थी, तब उपमुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके डॉ. जी परमेश्वर बार-बार तुमकुर आते थे. उन्हें जीरो ट्रैफिक सुविधा मिलने के कारण जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया थी. कुछ को कोई आपत्ति नहीं थी, तो कुछ लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी थी. इस वजह से परमेश्वर ने फैसला किया था कि उन्हें जीरो ट्रैफिक नहीं चाहिए. उन्होंने पुलिस विभाग को सूचित किया था जिसके बाद उन्हें दी जा रही जीरो ट्रैफिक सुविधा को हटा दिया गया था. आज मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी एक मॉडल फैसला लिया है और उम्मीद है कि इससे पब्लिक सेक्टर खुश होगा.
माला-शॉल नहीं लेने का फैसला :सीएम ने एक और अहम फैसला लेते हुए सोमवार (22 मई 2023) से अपनी दिनचर्या और सरलता से शुरू करने का फैसला किया है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने जनता से माला, शॉल नहीं लेने का फैसला किया है. यह बात घर-ऑफिस और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी लागू होने की बात कही. उन्होंने कहा कि 'जो लोग प्रसाद के माध्यम से प्यार और सम्मान दिखाना चाहते हैं, वे किताबें दे सकते हैं. आप सभी का प्यार और स्नेह मुझ पर हमेशा बना रहे.'
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