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बंपर वोटिंग से गदगद सीएम शिवराज, कहा- खुशियों वाली होगी दिवाली

मंगलवार को हुए मतदान के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपनी जीत का दावा कर रहीं हैं. इसी बीच प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ईटीवी भारत से बात करते हुए उपचुनाव में जीत का दावा किया है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी की जय-जय होगी और सरकार को कोई खतरा नहीं है.

सीएम शिवराज
सीएम शिवराज

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Published : Nov 4, 2020, 4:06 PM IST

भोपाल :मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से चल रही ऊठापटक के बीच तीन नवंबर को मतदान संपन्न हो गए. मंगलवार को हुए मतदान के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपनी जीत का दावा कर रही हैं. इसी बीच प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए उपचुनाव में जीत का दावा किया है.

बीजेपी के साथ खड़ी है जनता

सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी है. जनता ने 15 महीने में कांग्रेस का भ्रष्टाचार देखा. कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की सारी योजनाएं बंद कर दीं. उन्होंने कहा कि जनता का गुस्सा कांग्रेस के खिलाफ था. वहीं सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने विकास के सारे काम शुरू कर दिए. लिहाजा जनता बीजेपी के साथ खड़ी है.

बंपर वोटिंग से गदगद सीएम शिवराज

जनता की होगी दिवाली

वहीं उपचुनाव में प्रचार के दौरान कमलनाथ के अकेले सभाएं करने के सवाल पर सीएम ने कहा कि यह, तो कांग्रेस पार्टी ही जानें. हमें किसी और से क्या लेना-देना है. हम और हमारी जनता काफी है. वहीं इस दौरान सीएम ने कहा इस बार दिवाली जनता की अच्छी मनेगी.

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परिणाम करेंगे तय किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार

दरअसल, तीन नवंबर को 28 सीटों पर हुए मतदान के परिणाम यह तय करेंगे मध्य प्रदेश की राजनीति का ऊंठ किस करवट बैठेगा. हालांकि, उपचुनाव में हुए 69.41 प्रतिशत मतदान के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, कि जनता उनके साथ है. अब देखना यह होगा कि 10 तारीख को परिणाम किस के भविष्य का फैसला करेगी.

कुछ इस तरह है फिलहाल की विधानसभा

मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 खाली सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं, 230 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में 202 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 88, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. इस संख्या बल के लिहाज से भाजपा को 230 के सदन में बहुमत के लिए महज 9 सीटें और चाहिए, जबकि कांग्रेस को फिर से सत्ता हासिल करने के लिए उपचुनाव वाली सभी 28 सीटें जीतनी होंगी. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उनमें से 25 सीटें तो कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई हैं. विधायकों के निधन से खाली हुई तीन सीटों में भी दो सीटें पहले कांग्रेस के पास और एक सीट बीजेपी के पास थी.

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28 सीटों में 16 सीट ग्वालियर-चंबल संभाग से थी

उपचुनाव में जिन 28 सीटों पर मतदान हुआ है, उसमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग से थी. जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने प्रभाव वाला इलाका बताते हैं, इसके अलावा 8 सीटें मालवा-निमाड़ अंचल की हैं, जो कि जनसंघ के जमाने से भाजपा का गढ़ रहा है, दो सीटें विंध्य इलाके की हैं और एक-एक सीट महाकौशल और भोपाल की है. वहीं उपचुनाव के इस रण में बीजेपी-कांग्रेस के अलावा बसपा, सपाक्स और शिवसेना भी हैं.

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