भोपाल :मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने के मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई. जिसमेंं कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि ओबीसी को प्रदेश में फिलहाल 14% आरक्षण दिया जाएगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी.
दूसरी तरफ इस मामले में प्रदेश में राजनीति भी जमकर हो रही है. आरक्षण पर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं. सीएम शिवराज सिंह ने कमलनाथ पर 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा को पिछड़े वर्ग के साथ धोखा बताया है. वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर जानबूझ कर कोर्ट में गलत जानकारी देने, मामले को लटकाने और भटकाने की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
हाई कोर्ट ने भले ही फिलहाल मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने से इनकार दिया है, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार और कांग्रेस को इस मामले पर राजनीति करने का मौका मिल गया है. दोनों दल एक दूसरे पर आरोप लगाने की राजनीति कर रहे हैं.
प्रदेश विधानसभा सत्र के स्थिगित होने से पहले ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ओबीसी, महंगाई, आदिवासी जैसे किसी भी मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है. हमारे स्थगन आदेश को ठुकरा दिया जाता है और उल्टा हम पर ही सदन न चलने देने का आरोप लगाकर सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाता है. नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने सरकार पर मुद्दों पर बातचीत से भागने और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट को गलत जानकारी देने का आरोप भी लगाया.
कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को धोखा दिया: शिवराज
कांग्रेस के हंगामे को देखते हुए जवाब देने का जिम्मा खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उठाया. उन्होंने कांग्रेस और कमलनाथ को पिछड़ा वर्ग की पीठ में खंजर घोंपने वाला बताया. शिवराज ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा को कांग्रेस का धोखा बताया. उन्होंने पूछा कि घोषणा करने के बाद से जब तक कमलनाथ की सरकार थी उन्होंने क्या किया, क्यों उन्होंने ऐसा आदेश जारी किया जिसे कोर्ट में चुनौती दी जा सके. उन्होंने कांग्रेस पर भ्रम फैलाने और धोखे की राजनीति करने का भी आरोप लगाया.