मुंबई:महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना शुक्रवार को उन पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने लोगों के जनादेश, बाल ठाकरे की विचारधारा और 25 साल के सहयोगी को धोखा दिया. वह विधानसभा में पिछले सप्ताह विपक्ष की पहल पर शुरू हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे.
शिंदे ने कहा, 'पिछले एक साल से हमें ‘खोके’ और ‘गद्दार’ कहा जा रहा है. अब इसे हमेशा के लिए निपटाने का समय आ गया है. जो लोग हम पर ‘गद्दार’ और ‘खोके’ (धन की पेटी) होने का आरोप लगाते हैं, उन्होंने हमें पत्र लिखकर हमसे 50 करोड़ रुपये लौटाने के लिए कहा है. मैंने निर्देश दिया है कि इसे वापस किया जाना चाहिए. मैं आपकी संपत्ति पर दावा नहीं करता. मेरी संपत्ति बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा है.'
शिंदे स्पष्ट रूप से पिछले साल जून में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होने के बाद पार्टी कोष को लेकर जारी विवाद का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'यह पता लगाने का समय आ गया है कि महाराष्ट्र का महा गद्दार कौन है.' शिंदे गुट के अलग होने से शिवसेना के विभाजित होने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद ठाकरे गुट ने विद्रोहियों पर ‘खोके’ और ‘देशद्रोही’ होने का आरोप लगाया था.
वहीं, शिंदे समूह ने ठाकरे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाकर अपने पिता की विचारधारा और पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को धोखा देने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष भ्रमित है और मानसून सत्र के दौरान रचनात्मक आलोचना करने में विफल रहा.
शिंदे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान की गईं अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस बात की जांच कर रहा है कि पुराने ऑक्सीजन संयंत्रों का उपयोग किस तरह से किया गया कि (ऑक्सीजन संयंत्र के इस्तेमाल से हुए फंगस संक्रमण के कारण) मरीजों की आंखें चली गईं और बॉडी बैग जिसकी कीमत 300 रुपये थी वे 6,000 रुपये में बेचे गए. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार (ठाकरे के नेतृत्व वाली) के दौरान शिक्षा, विचारधारा, आर्थिक निवेश का स्तर गिर गया और सिर्फ व्यंग्य किया जाता था.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'जो बिगड़ गया है हम उसे सुधार रहे हैं.' शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के मजबूत समर्थन वाली समान विचारधारा वाले दलों की सरकार है. उन्होंने कहा, 'विधानसभा में हमारी संख्या 170 से अब 215 है.' अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट पिछले महीने शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गया था.