देहरादून:उत्तराखंड सरकार के नए शहर बसाने की योजना पर डोईवाला में विवाद खड़ा हो गया है. विवाद इस बात से है कि अगर यहां स्मार्ट सिटी बनी तो लोगों की जमीन अधिग्रहण करनी पड़ेगी. संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला के सदस्यों का कहना है कि इससे 50,000 से अधिक की आबादी प्रभावित होगी. वहीं, अगर प्रस्तावित टाउनशिप बनाने की कोशिश की तो, उन्हें बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इन सब के बीच सीएम धामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
किसानों और लोगों से बातचीत करके निकाला जाएगा हल:बीते दिनों सरकार की तरफ से यह बात कही गई थी कि देहरादून के डोईवाला सहित रायपुर, सहसपुर गोचर, रामनगर गोला पार, नैनीताल और उधम सिंह नगर के काशीपुर में नए शहर बसाए जाने की सरकार की योजना है, जिसको केंद्र से भी हरी झंडी मिल गई है. इस योजना का सरकार ने उस वक्त खूब प्रचार-प्रसार भी किया, लेकिन अब डोईवाला से शुरू हुई विरोध की चिंगारी इतनी बढ़ गई कि सरकार को बैकफुट पर आना पड़ गया. हालांकि सरकार के मंत्री अभी भी यह बात कह रहे हैं कि कोई इस तरह का प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन अगर आता भी है, तो किसानों और स्थानीय लोगों से बातचीत करके ही इसका हल निकाला जाएगा.
डोईवाला डाउनशिप को लेकर क्यों है विवाद भरण पोषण का संकट होगा पैदा:गजेंद्र रावत ने कहा कि यदि इस योजना को लेकर आवासीय और कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, तो इनके सामने अपनी आजीविका और भरण पोषण का संकट पैदा हो जाएगा और भविष्य में इसकी क्षतिपूर्ति हो पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि डोईवाला में टाउनशिप बनाने की बात हमने नहीं, बल्कि सरकार ने विभिन्न माध्यमों से की है, लेकिन जब वहां के किसानों ने इसका विरोध किया तब सरकार ने वहां एरो सिटी बनाने की किसी भी योजना से इंकार किया है. लोग एरो सिटी का नहीं, बल्कि उस टाउनशिप को बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं, जिस टाउनशिप के कागज भारत सरकार को भेजे जा चुके हैं.
क्या है डोईवाला टाउनशिप मामला भू धंसाव की खबरें आने के बाद बनाई कार्य योजना:पहाड़ों में जिस तरह से भू धंसाव की खबरें आई थी, उसके बाद सरकार ने एक कार्य योजना बनाई थी.जिसमें सरकार ने यह निर्णय लिया था कि पूरे राज्य में लगभग 9 नए शहर या यह कह सकते हैं 9 नई टाउनशिप बनाई जाएंगी. इस टाउनशिप में वह सारी सुख सुविधा होंगी, जो लग्जरी जीवन में किसी भी व्यक्ति को चाहिए होती हैं. विस्तृत तरीके से बसाए जाने वाले शहर के लिए सरकार ने रायपुर में एडमिन सिटी बनाने की योजना बनाई थी, जबकि डोईवाला में इंटीग्रेटेड टाउनशिप यानी एरो सिटी बनाने की योजना बनाई है. सहसपुर में साइबरसिटी, गोचर में वेलनेस टाउनशिप, रामनगर में टूरिज्म टाउनशिप और हल्द्वानी के गोला पार में ट्विन सिटी के साथ-साथ उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में एंटरटेनमेंट सिटी बनाने की योजना थी.
राज्य सरकार टाउनशिप बनाने का करे खंडन: काशीपुर में पराक्रम में इंडस्ट्रियल टाउनशिप सरकार के ब्लूप्रिंट में थी, लेकिन विवाद डोईवाला में उस वक्त खड़ा हुआ, जब लोगों को इस बात की खबर लगी कि सरकार इस तरह का कोई प्लान बना रही है. मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार की मंशा साफ है, तो खुले मंच से सरकार को यह कहना चाहिए कि राज्य सरकार का डोईवाला में टाउनशिप बनाए जाने को लेकर कोई विचार नहीं है और अभी तक टाउनशिप बनाए जाने को लेकर जितनी भी पत्रावलियां चली हैं, सरकार को इसका खंडन करते हुए उन लोगों पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए, जिन्होंने टाउनशिप का नक्शा बनाया है.
एरो सिटी का फिलहाल नहीं प्रस्ताव:विरोध इतना बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सामने आकर बात को स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार का कोई भी इस तरह का प्रस्ताव नहीं है कि डोईवाला में कोई भी एरो सिटी बनाई जाएगी.
जोनल प्लान बनाने का प्रस्ताव आने पर होगी बातचीत:शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि सरकार की तरफ से शहरी विकास मंत्रालय के पास इस तरह का कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है. वहीं, अगर बात टाउनशिप की हो रही है, तो बिना स्थानीय लोगों, किसानों और स्टेकहोल्डरों की सहमति के कोई भी जमीन अधिग्रहण नहीं की जाएगी और ना ही उनकी सहमति के बिना कोई भी कार्य किए जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस मामले में एक जोनल प्लान बनाने का प्रस्ताव आएगा भी, तो स्थानीय लोगों से बातचीत की जाएगी.
ये भी पढ़ें:डोईवाला स्मार्ट सिटी के विरोध पर अड़ा संयुक्त किसान मोर्चा, कहा- कृषि और आवासीय भूमि पर नहीं होने देंगे निर्माण