पटना :बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू (JDU) का प्रदर्शन इस बार बेहतर नहीं रहा. पार्टी 43 सीट लाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पार्टी को नया रूप देने की कोशिश की है.नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, नया प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों की नई टीम बना दी है. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को पार्टी में शामिल कर लव-कुश समीकरण को भी साधने की कोशिश की गई है. अब कार्यकारिणी समिति बनने जा रही है, तो उस पर भी सब की नजर है. लेकिन पार्टी के अंदर और बाहर नीतीश कुमार के लिए कई चुनौतियां हैं.
कुशवाहा वोट बैंक पर नजर
विधानसभा चुनाव के बाद जदयू को नया रूप देने की कोशिश नीतीश कुमार ने की है. जहां पार्टी में नई टीम तैयार की गई है. वही लव-कुश समीकरण के साथ आधी आबादी को साधने के लिए भी पूरी कोशिश की गई है. उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में शामिल करा कर कुशवाहा वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश भी की गई है. उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में संसदीय दल का अध्यक्ष बनाया गया है.
लोजपा से जेडीयू ने लिया बदला
लोजपा से जेडीयू ने बदला भी लिया है. उसके एक मात्र विधायक को जदयू में शामिल भी करा लिया गया है और लोजपा दो भागों में बंट गई है. लेकिन इसके बाद भी चुनौतियां कम नहीं हैं. मजबूत विपक्ष से तो चुनौती है ही, सहयोगी दलों के चलते भी कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी के अंदर भी कई चुनौतियों का सामना अभी नीतीश को करना है.
बेतिया के जिला अध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद कुशवाहा ने कहा किसभी चुनौतियों से निपटने में नेता नीतीश कुमार सक्षम हैं. नई टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के नेतृत्व में अपने मिशन में लग गई है.
पूर्वी चंपारण के जिला अध्यक्ष रत्न कुमार सिंह ने कहा किपार्टी चलती है तो कोई-ना-कोई समस्या जैसे भितरघात वगैरह चलती ही रहती हैं. लेकिन इन सब से लड़ने की भरपूर तैयारी है. इसको लेकर ना ही चिंता की बात है और ना ही चुनौती है.