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Bihar Caste Survey Report जारी होने के बाद बड़ी तैयारी में CM नीतीश, राजनीतिक दलों की बुलाई विशेष बैठक - Bihar Politics

गांधी जयंती के अवसर पर बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी (Bihar Caste Survey Report) कर दिए गए हैं. इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2023, 4:04 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 9:21 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित गणना के डेटा जारी होने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जातीय गणना पर जिन 9 दलों ने सहमति दी है, उनकी मंगलवार को बैठक बुलाई गई है. सीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी बढ़ी है. सब लोगों की राय लेकर आगे फैसला लिया जाएगा. चाहे आरक्षण बढ़ाने का मामला हो या फिर और योजना बनाने की, उस पर चर्चा करेंगे.

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"कल साढ़े तीन बजे दिन में 9 पार्टियों के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है. जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट आने के बाद अब आर्थिक स्थिति को लेकर भी चर्चा कर रहे हैं. सबको कैसे लाभ मिले, इसके लिए सभी दलों से बात करके कदम उठाएंगे. उस बैठक में इन सब पर विस्तार से चर्चा होगी. केंद्र को भी जातीय जनगणना कराना चाहिए"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी:नीतीश कुमार ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई. जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है."

'सभी वर्गों के विकास ए वं उत्थान के लिए काम करेंगे': मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर कल ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा."

देश स्तर पर जातीय जनगणना होनी चाहिए: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि मैं तो बहुत पहले से ऐसी मांग करता रहा हूं. जब केंद्र में मंत्री था, तब भी आवाज उठाता था. 1989 और 2008 में भी आवाज उठाया था.

सर्वे रिपोर्ट में किस जाति की कितनी आबादी?:बिहार में जाति आधारित सर्वे के जो आंकड़े जारी हुए हैं, उसके अनुसार बिहार की कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी है. जिनमें सवर्ण (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60%) की आबादी 15.52 प्रतिशत, 63 फीसदी ओबीसी (24 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग ), अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. बिहार में सबसे अधिक यादव जाति हैं, जिनकी आबादी 14 फीसदी है. वहीं, कुर्मी 2.8 और कुशवाहा 4.2 प्रतिशत हैं. वहीं मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है.

Last Updated : Oct 2, 2023, 9:21 PM IST

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