कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करते नीतीश नई दिल्ली/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे का आज दूसरा दिन था. दूसरे दिन नीतीश कुमार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात हुई. इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे. नीतीश कुमार के साथ भी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय झा मौजूद थे. ये मीटिंग विपक्षी एकजुटता के नजरिए से अहम थी.
ये भी पढ़ें-Opposition Unity: 'बिहार जल रहा है.. लेकिन नीतीश कुमार देशाटन पर हैं', विजय सिन्हा बोले- 'बिहार में आपातकाल'
कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस का बढ़ा कॉन्फिडेंस: कांग्रेस में कर्नाटक की जीत के बाद ये पहली बैठक थी जिसमें लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जा रही थी. पिछली बार की तरह इस बार कांग्रेस का कॉन्फिडेंस लेवल हाई लग रहा था. क्योंकि कांग्रेस अब ड्राइविंग सीट पर नजर आ रही है. वहीं नीतीश कुमार भी बेंगलुरु में शपथ ग्रहण समारोह के बाद विपक्षी एकजुटता के लिए कांग्रेस के साथ अहम बैठक पर चर्चा करने आए थे. नीतीश कुमार ऐसी कड़ी हैं जिनसे केजरीवाल से भी बनती है और ममता बनर्जी से भी अच्छे तालुकात हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी पटना आकर नीतीश से मिल चुके हैं.
विपक्षी एकजुटता का नीतीश को मिला सूत्र?: ममता बनर्जी की ही सलाह पर नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए पटना में मीटिंग करने के लिए लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. सारा खाका भी तैयार हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक आज कांग्रेस के साथ हुई बैठक में नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को भी रखा है. अभी तक कांग्रेस का रुख क्या है? इसको लेकर कांग्रेस आलाकमान की ओर से कोई आधिकारिक निर्णय साझा नहीं किया गया है. सूत्रों की मानें तो सहमति इस बात पर भी बनी है कि बैठक में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को साथ लेकर चर्चा को आगे बढ़ाया जा सकता है. क्योंकि बिहार में कांग्रेस भी महागठबंधन का घटक दल है.
आसान नहीं है एकजुट करना: हालांकि मीडिया में सामने आई फोटो और उसकी बॉडी लेंग्वेज देखकर चर्चा ये भी है कि बात नहीं बन पाई है. इसके पीछे तर्क ये भी दिए जा रहे हैं कि विपक्ष को एक दल के नीचे एक जुट करना मुश्किल है. कर्नाटक के शपथ ग्रहण के दौरान इसका नजारा भी देखने को मिला. केजरीवाल को कांग्रेस ने निमंत्रण नहीं भेजा था तो वहीं ममता और केसीआर ने भी इस समारोह से दूरी बनाई हुई थी. नीतीश इसी दूरी को पाटने के लिए पटना में एक मीटिंग बुलाना चाहते हैं. जिसके माध्यम से विपक्षी दल एक साझा सहमति बनाने की ओर आगे बढ़ेंगे.
नीतीश की विपक्षी एकजुटता की कवायद: नीतीश कुमार कल ही केजरीवाल से मिले थे. एक ही महीने के अंदर केजरीवाल से नीतीश की ये दूसरी मुलाकात है. केजरीवाल के समर्थन में नीतीश आ चुके हैं. वहीं इसके पहले ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, नवीन पटनायक, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी मुलाकत कर चुके हैं. देखने वाली बात ये है कि कांग्रेस की ओर से नीतीश को कितनी सफलता मिलती है.