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इशारों में 2024 का जिक्र.. बिना नाम लिए PM मोदी पर बरसे नीतीश

बिहार विधानसभा में विश्वासमत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी और बिना नाम लिए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने पुराने दिनों को याद कर बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने की वजह भी गिनाई. तो नीतीश कुमार ने 2024 का जिक्र कर सभी से एकजुट होने की अपील भी की. पढ़ें पूरी खबर

Nitish Kumar Etv Bharat
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Published : Aug 24, 2022, 8:57 PM IST

पटना :बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने आज विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. इस दौरान सदन में नीतीश कुमार ने बीजेपी और सीधे-सीधे पीएम मोदी (CM Nitish Attack PM Modi) पर खूब निशाना साधा. एक तरफ जहां उन्होंने बिहार में बीजेपी से अलग होने की वजह गिनाई तो दूसरी तरफ 2013 की भी याद दिलाई.

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'बीजेपी के दवाब में मुख्यमंत्री बना' :अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले 4 पार्टी थी. लेकिन आज हम लोगों के साथ सात पार्टियों का समर्थन है. पिछले विधानसभा चुनाव में कम सीटें मिलने पर मैंने कहा था कि हम मुख्‍यमंत्री नहीं बनेंगे. लेकिन आप लोगों (बीजेपी) के दबाव में मुख्‍यमंत्री बने थे.

BJP के आरोपों का मुख्‍यमंत्री जवाब :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि. सब ने अपने तरीके से अपनी बात रखी. मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है. 2005 के भी नतीजों को भी याद किया जाए और 2009 और 2010 में क्या हुआ वो भी याद किया जाए. बीजेपी से ज्यादा सीट विधानसभा में भी जीते हैं और लोकसभा में भी जीते हैं. 2020 में कम सीट आई तो कहा कि बीजेपी सीएम बनाए लेकिन हमको सब मिलकर बना दिया.

''एनडीए की सरकार में केवल दो पुराने लोगों को फिर मंत्री बनाया. सुशील मोदी को कहने के बाद भी उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया. हम समर्थन नहीं देते तो विजय सिन्हा अध्यक्ष कैसे चुने जाते. नंदकिशोर की जगह विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया'.'' : नीतीश कुमार. मुख्यमंत्री, बिहार

'हमारी बात केंद्र ने नहीं मानी' :अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सात निश्चय योजना और पटना विश्वविद्यालय को लेकर हमारी बात केंद्र ने नहीं मानी. हम कहते-कहते थक गए. नीतीश कुमार ने पूछा कि बिहार में हो रहे विकास में केंद्र का काम कैसे. ये लोग मेरे खिलाफ अनाप-शनाप बोलेंगे तो बीजेपी में आगे मौका मिलेगा. हमलोगों के खिलाफ जो बोलेगा उसको जगह मिलेगा. अगर जगह मिलेगा तो हमको अच्छा लगेगा. हम तो कहते है कि जो अच्छे लोग थे उनको बीजेपी ने आगे नहीं बढ़ाया.''

'मेरे कारण गया में बीजेपी को मजबूती मिली' : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ये लोग (बीजेपी) समाज को तोड़ने का काम कर रहे है. धार्मिक भड़काने की कोशिश कर रही है. मेरे कारण गया में बीजेपी को मजबूती मिली. आज ये गया के बारे में क्या क्या बोल रहे हैं? ये लोग सब कुछ खत्म करना चाहते हैं. लेकिन हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे. अब देश में समाजवादी सोच वाले एक साथ आ रहे हैं. इस दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. नीतीश कुमार ने कहा कि आजादी की लड़ाई में बीजेपी शामिल नहीं थी. उल्टे आजादी के बाद बापू को मार दिया. इन लोगों ने वादा किया था 75वां साल में ये होगा वो होगा. लेकिन आप लोगों ने देखा क्या हुआ. कुछ नहीं हुआ.

''ऊपर से मैसेज आया होगा'' :आखिर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन के बीच बीजेपी विधायकों ने वॉक आउट किया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली से कहा गया होगा ऐसा करने को. ऊपर से मैसेज आया होगा. दिल्ली में कुछ काम थोड़े हो रहा है. सिर्फ प्रचार हो रहा है. ये लोग तो सिर्फ प्रचार के एक्सपर्ट है.

नीतीश सरकार ने विश्वास मत हासिल किया :इसके बाद सदन में वोटिंग हुई. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया. नवगठित महागठबंधन सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए बुधवार को विधानसभा की आहूत बैठक में नीतीश सरकार के पक्ष में 160 सदस्यों ने वोट किया. वहीं, विपक्षी सदस्यों के सदन से वॉकआउट के कारण सरकार के विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़े.

नीतीश सरकार को जेडीयू, आरजेडी कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) और एक निर्दलीय समेत 164 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. लेकिन, बीमार होने के कारण जेडीयू के विजेंद्र प्रसाद यादव और बीमा भारती व अन्य वजह से भाकपा के सूर्यकांत पासवान और हम के प्रफुल्ल मांझी आज सदन में उपस्थित नहीं हो सके.

ऐसे में नीतीश सरकार के पक्ष में 160 सदस्यों ने विश्वास जताया, जिसमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अख्तरुल ईमान भी शामिल हैं. सदन का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने किया, इसलिए वह मतदान में शामिल नहीं हुए.

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