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प. बंगाल की झांकी खारिज, ममता ने पीएम को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा है. उन्होंने सरकार पर निष्पक्षता से काम नहीं करने का आरोप लगाया है. ममता ने मोदी सरकार के उस फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें प.बंगाल की झांकी को रिजेक्ट कर दिया (rejection of west Bengal tableau) गया है. बंगाल ने नेताजी को इस पर अपना विषय चुना था. केंद्र का कहना है कि इस बार आजादी का अमृत महोत्व मनाया जा रहा है, लिहाजा उससे जुड़ी ही थीम को मंजूरी दी जा रही है. पढ़ें पूरी खबर.

west bengal tableau file photo
प. बंगाल झांकी फाइल फोटो

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Published : Jan 16, 2022, 5:53 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें राज्य की झांकी को खारिज (rejection of west Bengal tableau) कर दिया गया है. इसे 26 जनवरी के पैरेड में हिस्सा लेना था. मुख्यमंत्री ने चिट्ठी लिखकर आपत्ति जाहिर की है. सीएम ने केंद्र सरकार से उनके फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. प. बंगाल ने इस बार अपनी झांकी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर फोकस किया था. सूत्र बताते हैं कि केंद्र ने इस बार 'आजादी का अमृत महोत्सव' (आजादी के 75 साल) मनाने का फैसला किया है, लिहाजा इससे जुड़ी थीम वाली झांकियों को ही हरी झंडी दी जा रही है.

ममता बनर्जी ने अपने विरोध पत्र में लिखा है कि केंद्र द्वारा राज्य की झांकी को शामिल नहीं किए जाने से वह बहुत ही मर्माहत हैं. वह दुखी हैं. उन्होंने लिखा कि बिना कोई कारण बताए ही सरकार ने प.बंगाल की झांकी को रिजेक्ट कर दिया है.

बनर्जी ने लिखा है कि इस बार हमने अपनी झांकी में नेताजी की 125वीं जयंती को अपना विषय चुना था. इसमें गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर और बोस की जोड़ी दिख रही थी. इसमें हमने आजाद हिंद वाहिनी को अंकित करवाया है. साथ ही राज्य से जुड़ी कई हस्तियों को विशेष रूप से उल्लिखित किया गया. इनमें स्वामी विवेकानंद, ईश्वर चंद विद्यासागर, सीआर दास, श्रीअरविंदो, बिरसा मुंडा और मांतगिनी हाजरा जैसी हस्तियों को चित्रित किया गया था.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम को लिखी चिट्ठी

राज्य की मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि देश के विभाजन के बाद हमने आजादी की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है. यह बहुत ही दुखदायी है कि झांकियों में स्वतंत्रता सेनानियों को भी जगह नहीं दी जा रही है.

आपको बता दें कि इससे पहले 2020 में भी प. बंगाल की झांकी को रिजेक्ट कर दिया गया था. तब राज्य ने कन्याश्री योजना को अपना विषय बनाया था. कन्याश्री योजना ममता का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है.

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