कोलकाका:पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों के एलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. इसके साथ ही पार्टियों ने बुधवार को उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
ऐसी स्थिति में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 सबसे कठिन होगा और सभी पार्टियों के लिए मुसीबतों भरा होगा. पश्चिम बंगाल चुनाव में चुनौती को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने पहले से ही घोषणा कर दी है कि राज्य में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी बड़े नेता चुनाव प्रचार के हिस्से होंगे. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चुनाव प्रचार का सारा दारोमदार सिर्फ सीएम ममता बनर्जी के कंधों पर टिका है.
वहीं, अगर तृणमूल कांग्रेस पार्टी के दूसरे चेहरों की बात करें तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बंदोपाध्याय, सुब्रत बख्शी, पार्थो चट्टोपाध्याय, फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास, सुब्रत मुखर्जी, सौगता रॉय, चंद्रिमा भट्टाचार्य, देब, नुसरत जहां और मिमी चक्रबर्ती हैं, जो चुनाव प्रचार कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ने फैसला लिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान वह राज्य में करीब 300 जनसभाएंं और रैलियां करेंगी.