नई दिल्ली :डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. दिल्ली में विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं. सीएम केजरीवाल ने पीएम को लिखे पत्र में कहा, एक तरफ कोविड-19 और ओमीक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दूसरी ओर दिल्ली के अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉक्टरों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालने का आग्रह किया है.
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की है. उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों से कहा कि नीट काउंसलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इस मामले में 6 जनवरी को सुनवाई होनी है. ऐसे में जनहित में हड़ताल खत्म करें.
मंडाविया ने नीट पीजी काउंसलिंग के जल्द शुरू होने की आशा जताई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में लिखा कि पिछले एक महीने से एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर नीट-पीजी काउंसलिंग के बार-बार स्थगित होने की वजह से हड़ताल पर हैं. उन्होंने लिखा कि इतने संघर्ष के बाद भी इन रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग को केंद्र सरकार के द्वारा नहीं सुना गया. यह दुख की बात है, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि यह वही डॉक्टर हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 संक्रमण के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना संक्रमित मरीजों का उपचार किया है. लेकिन आज अगर डॉक्टर्स को हड़ताल पर जाना पड़ता है तो यह बेहद दुख की बात है.
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नीट काउंसलिंग में देरी होने से इन डॉक्टरों के भविष्य पर तो इसका असर पड़ता ही है. लेकिन साथ-साथ अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी होती है. डॉक्टरों पर इसका बोझ पड़ता है. ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पूरे मामले की जल्द से जल्द समाधान करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है.