नई दिल्ली: यमुना नदी में आई बाढ़ ने केजरीवाल सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में आई बाढ़ के लिए अब केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. केजरीवाल ने बुधवार दोपहर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है. कुछ सप्ताह बाद यहां G-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ की खबर से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा. इसलिए सबको मिलकर स्थिति से दिल्ली के लोगों को बचाना है. उन्होंने गृहमंत्री से निवेदन किया है कि यदि संभव हो तो हथिनीकुंड बैराज से पानी को एक सीमित गति से ही छोड़ा जाए, जिससे की दिल्ली में यमुना का जलस्तर और न बढ़े. उन्होंने यमुना में बड़े रिकॉर्ड जलस्तर के बारे में भी गृहमंत्री को सूचित किया है.
दरअसल, उत्तर भारत समेत दिल्ली पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को दो दिन पहले ही पार कर गया था. वहीं, बुधवार को यमुना में जलस्तर का 45 साल का पुराना रिकॉर्ड टूट गया, जिसने दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर कहा है कि, दिल्ली के लिए अच्छी खबर नहीं है यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ने के आसार है, जिसके 207.72 मीटर से भी ऊपर जाने का अनुमान है.
लगाई गई धारा 144:पिछले दो दिनों से दिल्ली में बारिश नहीं हुई है. वहीं यमुना के आसपास इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया है. साथ ही दिल्ली पुलिस ने धारा 144 लगा दिया है ताकि प्रशासन को अपना काम करने में सहूलियत हो. दूसरी तरफ हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से पानी लगातार छोड़ा जा रहा है.
1978 का टूटा रिकॉर्ड: बुधवार रात 9 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.30 मीटर दर्ज किया गया है, जो 1978 में रिकॉर्ड किए गए 207.49 मीटर से भी अधिक है. दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. यमुना में आज जो जलस्तर में बढ़ाव देखा गया है वह 36 घंटे पहले हरियाणा से छोड़े गए पानी का नतीजा है. हरियाणा, पंजाब, हिमाचल में जिस तरह बारिश हो रही है, उसके बाद लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. आने वाले समय में यह अनुमान हे कि यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा, जिसके चलते दिल्ली सरकार की जान सांसत में है.