रांची: सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने अपने फैसले से राजभवन को अवगत करा दिया है (cm hemant soren assembly membership ec report). इसके बाद से ही झारखंड की राजनीति गर्म हो गई है. कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इसी बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के हवाले ये खबरें आईं की सीएम हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहरा दिया गया है. इसके बाद सीएमओ ने एक बयान जारी किया है.
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सीएमओ के बयान में कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन को कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें एक विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की स्पष्ट रूप से सिफारिश की गई है. इस संबंध में चुनाव आयोग या माननीय राज्यपाल से मुख्यमंत्री कार्यालय को कोई पत्र नहीं मिला है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसा लगता है कि भाजपा के एक सांसद और भाजपा की गोदी मीडिया और कठपुतली पत्रकारों सहित अन्य भाजपा नेताओं ने स्वयं चुनाव आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जो वास्तव में एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है. दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में स्थित भाजपा मुख्यालय द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का यह घोर दुरुपयोग और एक शर्मनाक तरीके से उनका पूर्ण अधिग्रहण देश के लोकतंत्र की नींव पर गहरा कुठाराघात है.
निशिकांत दुबे के ट्वीट से भी मची खलबली: इससे पहले गुरुवार सुबह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट से झारखंड की राजनीति में खलबली मच गई है. उन्होंने भी दावा किया है कि चुनाव आयोग का पत्र राज्यपाल तक पहुंच चुका है. उन्होंने लिखा है कि अगस्त पार नहीं होगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज मामले में चुनाव आयोग में 18 अगस्त को दलील पूरी हो चुकी थी.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उठाया था मामला: इस मामले को 10 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उठाया था. उन्होंने 11 फरवरी को राज्यपाल से मिलकर हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य ठहराने की मांग की थी. बाद में इस मामले को राजभवन ने चुनाव आयोग को रेफर कर दिया था. उसी आधार पर सबसे पहले चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव से वेरिफाइड डॉक्टूमेंट्स की मांग की थी. इसके बाद आयोग में दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गई थी.