जयपुर : राजस्थान कांग्रेस के अधिवेशन (Rajasthan Congress session) में शनिवार को कांग्रेस विधायकों और संगठन के नेताओं ने खुलकर अपनी बातें रखीं. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बिना नाम लिए सचिन पायलट के सरकार रिपीट नहीं होने के सवाल का जवाब दे दिया. सीएम गहलोत ने कहा (CM Gehlot spoke in Congress session) कि पहली बार हम कर्मचारियों की नाराजगी के चलते चुनाव हार गए. दूसरी बार मोदी लहर के चलते सरकार नहीं बना सके, लेकिन इस बार सरकार के कामकाज से जनता संतुष्ट है.
3 साल के बाद भी कोई एंटी इंकंबेंसी नहीं दिखाई दे रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुझे तीन बार मुख्यमंत्री बनाया है और इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी. मुख्यमंत्री के इतना बोलते ही बिरला सभागार में कांग्रेस नेताओं ने 'आप चौथी बार भी मुख्यमंत्री बनोगे' के नारे लगाने शुरू कर दिए.
जिला लेवल पर भी अधिवेशन में प्रस्ताव पारित हो
अधिवेशन में सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश स्तर के बाद अब जिला लेवल पर भी अधिवेशन करवाकर वहां भी प्रस्ताव पारित होने चाहिए और समस्याओं को लेकर जिला अध्यक्ष के साथ डेलिगेशन जाए. इससे किसी कलेक्टर, बीडीओ और मंत्री की हिम्मत नहीं होगी कि आपकी बात का सम्मान नहीं होगा. अधिवेशन में सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की परिपाटी अलग है और गांधी परिवार का राजस्थान से अलग नाता था. इंदिरा और राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद राजस्थान आए थे. 3 साल में राज्य में अच्छा काम हुआ और 23 फरवरी को शानदार बजट पेश करेंगे. जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आज के सुझाव का सम्मान करेंगे. गहलोत ने कहा कि संगठन सरकार को प्रस्ताव देकर काम बताएं, जिससे कार्यकर्ताओं को लगेगा हमारी सरकार ने मांग मानी.
मीठी बातों के साथ ही थोड़ी कड़वी बातें भी जरूरी
राजस्थान कांग्रेस के अधिवेशन में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कार्यकर्ताओं का नेताओं, मंत्री और सीएम के साथ संवाद जरूरी है. ऐसे में मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वे महीने में एक दिन संगठन के लोगों से चर्चा करें. डोटासरा ने कहा कि मीठी-मीठी बातों के साथ थोड़ी-थोड़ी कड़वी बातें जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि सीएम से आग्रह है कि आज ही अधिकारियों को ये निर्देश दें कि संभाग, जिला और ब्लॉक स्तर तक तुरंत जनसुनवाई करें. मंत्री और विधायक भी सुनवाई करके जन समस्याओं का निराकरण करें.