हैदराबाद / बेंगलुरु/ नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 26 जुलाई को इस्तीफा दे सकते हैं. मीडिया में ये खबरें पिछले कुछ दिनों से चल रहीं हैं. येदियुरप्पा ने गुरुवार को खुद ही कहा कि 26 जुलाई को उनका कार्यकाल दो साल का हो जाएगा, उसके बाद वह आलाकमान के फैसले के अनुसार काम करेंगे. 25 जुलाई को इस बाबत पार्टी उन्हें निर्देश जारी कर सकती है.
हालांकि, यह फैसला क्यों लिया जा रहा है, यह किसी को पता नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि इसके पीछे मुख्य रूप से दो वजहें हैं.
पहला कारण- कोरोना की तीसरी लहर की आशंका. अगर राज्य में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत होती है, तो ऐसी स्थिति में बीच में नेतृत्व परिवर्तन करना मुश्किल हो जाएगा. इससे राजनीतिक संदेश ठीक नहीं जाएंगे. इसका मतलब है कि कम से कम नेतृत्व को अगले छह महीने तक और इंतजार करना पड़ेगा. और तब तक जनवरी का महीना जाएगा. उसके बाद सरकार बजट में जुट जाती है. उस समय भी किसी सीएम को हटाना आसान नहीं होता है. यानी येन-केन-प्रकारेण बजट के बाद अगर येदियुरप्पा को हटाया भी जाता है, तो अगले मुख्यमंत्री को अपनी सरकार को समझने और काम करने के लिए एक साल से ज्यादा का वक्त नहीं मिल पाएगा. पार्टी को बहुत बड़ा रिस्क लेना होगा. इसलिए यही समय सबसे अधिक मुफीद माना जा रहा है.
दूसरा कारण- दो साल पहले जब येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका दिया गया था, उसी समय पार्टी नेतृत्व ने कार्यकाल फिक्स कर दिया था. वह उस समय 75 साल से अधिक के हो गए थे. अब येदियुरप्पा 78 साल के हैं. येदियुरप्पा ने खुद ही कहा कि पार्टी नेतृत्व की विशेष कृपा रही है कि उन्हें 75 साल से अधिक होने के बावजूद सरकार का नेतृत्व करने का मौका दिया गया. इसलिए दो साल का समय अब खत्म हो गया है.
क्या कहा पार्टी प्रभारी अरुण सिंह ने
उन्होंने येदियुरप्पा के काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार उनके नेतृत्व में अच्छा काम कर रही है. सिंह ने कहा, 'हमारे सभी कार्यकर्ता, मंत्री और विधायक एकजुट हैं और उनके बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है.' सिंह ने जून में बेंगलुरु जाकर पार्टी नेताओं, मंत्रियों और विधायकों से विचार विमर्श किया था.
येदियुरप्पा ने दिए संकेत
बीएस येदियुरप्पा से जब इस बाबत सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का पालन करेंगे. 25 जुलाई को उन्हें निर्देश मिलेगा. यह संयोग ही है कि 26 जुलाई को वह दो साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे. वह 78 साल के हैं.
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह (गृह मंत्री) और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का मेरे प्रति विशेष स्नेह एवं विश्वास है. आप जानते हैं कि उन लोगों को कोई पद नहीं दिया जाता, जिनकी उम्र 75 साल से अधिक हो गई है, लेकिन मेरे काम की सराहना करते हुए उन्होंने 78 वर्ष की आयु पार करने के बावजूद मुझे मौका दिया.
उन्होंने कहा कि उनका इरादा आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करना और उसे फिर से सत्ता में लाना है.