जगदलपुर:सीएम भूपेश बघेल गुरुवार को जगदलपुर शहर के लालबाग मैदान में बने झीरम शहीद स्मारक पहुंचे. यहां झीरम नक्सली हमले की 10वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया. शहीदों के परिवार से बातचीत करने के साथ ही उनका सम्मान भी किया. जिला कलेक्टोरेट कार्यालय में मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर टाइगर शहीद महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा की ओर से उठाए नार्को टेस्ट की मांग का समर्थन किया. प्रदेश सरकार को जांच करने से रोके जाने और एनआईए की ओर से भी जांच न करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया.
प्रदेश नहीं भारत सरकार की एजेंसी कर रही जांच:दरअसल, दंतेवाड़ा में बस्तर टाइगर शहीद महेंद्र कर्मा के बेटे ने झीरम हमलें में शामिल सभी प्रत्यक्षदर्शियों के नार्को टेस्ट करने की मांग की थी. इस पर बस्तर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मीडिया ने सवाल किया. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि"झीरम हत्याकांड की जांच प्रदेश सरकार नहीं बल्कि भारत सरकार की सबसे बड़ी जांच टीम एनआईए कर रही है. रही बात नार्को टेस्ट की तो कवासी लखमा के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और मुकेश गुप्ता की भी जांच होनी चाहिए."
एसआईटी का किया था गठन:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "झीरम की जांच करने के लिए एसआईटी टीम का गठन छत्तीसगढ़ में किया गया था. इसके बाद उन्होंने जांच करके रिपोर्ट एनआईए को सौंपी थी. लेकिन एनआईए इस जांच को आगे नहीं बढ़ा रही है. झीरम हत्याकांड के बाद वर्ष 2013 के एफआईआर में रमन्ना और गणपति का नाम सामने आया था. लेकिन यह नाम वर्ष 2014 से गायब हो गया." सीएम ने सवाल उठाया कि "आखिर भाजपा सरकार क्यों इन दोनों बड़े नक्सलियों का नाम छुपा रही है."
'...तो छत्तीसगढ़ को दे दें जांच रिपोर्ट':एक दशक के बाद भी झीरम हमले के शहीदों के परिजनों को इंसाफ का इंतजार है, जो कहीं से भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "यदि भारत सरकार जांच करने में सक्षम नहीं है तो वे छत्तीसगढ़ को जांच की कॉपी दे दें. छत्तीसगढ़ सरकार सब जांच करेगी."
रमन सिंह ने भी किया पलटवार:झीरम मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पलटवार किया. साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को राजनीति से प्रेरित बताया. रमन सिंह ने कही कि "झीरम घाटी की जांच तत्कालीन मनमोहन सिंह जी सरकार के समय एनआईए के हाथ में सौंपी गई थी. उन्होंने 1500 पृष्ठ की चार्जशीट भी 2014 में दाखिल की. भाजपा सरकार ने भी जांच आगे बढ़ाने के लिए जस्टिस प्रशांत मिश्र की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट राजभवन को 2021 में सौंप दी गई थी. लेकिन सरकार को उक्त रिपोर्ट पर भी भरोसा नहीं है, इसलिए जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में न्यायिक जांच का विस्तार किया गया. इस आयोग का कार्यकाल भी छह-छह महीने कर बढ़ाया जा रहा है लेकिन आज तक कांग्रेस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है.