CM Bhupesh Baghel Announced Loan Waiver: सीएम बघेल का मास्टर स्ट्रोक, सत्ता वापसी पर किसानों की कर्जमाफी का किया ऐलान, बीजेपी ने इसे बताया स्टंट
Loan Waiver Announced In Chhattisgarh छ्त्तीसगढ़ में किसानों को सीएम एक बार फिर कर्जमाफी का तोहफा देंगे.सीएम भूपेश ने घोषणा की है कि यदि सरकार वापस आई तो किसानों का कर्ज माफ होगा.
रायपुर :छत्तीसगढ़ में भले ही कांग्रेस और बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी ना किया हो.लेकिन इस बार फिर से कांग्रेस धान और किसान कर्जमाफी को लेकर बड़ा दाव खेल सकती है. इसके संकेत सीएम भूपेश बघेल ने दिए हैं.सीएम भूपेश ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी है.सीएम भूपेश ने इससे पहले भी अपने सभाओं में घोषणापत्र को लेकर कई संकेत दिए थे.जिसमें गरीबों को आवास के साथ बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार जैसे अवसर लाने की बात कही गई थी.
सक्ती में सीएम भूपेश बघेल ने किया ऐलान: जांजगीर जांचा से कटकर बने नए जिले सक्ती में सीएम भूपेश बघेल सोमवार को पहुंचे थे. यहीं पर सीएम ने बड़ा एलान किया है. सीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि" किसान को शक्तिवान बनाना है. इसलिए आज मैं ऐलान करता हूं कि जिस तरह पहले हमने किसानों का कर्जमाफी की थी. एक बार फिर किसानों की कर्जमाफी होगी. कांग्रेस की सरकार बनाइए. सीएम ने यह आह्वान छत्तीसगढ़ की जनता से की है. सीएम ने ऐलान किया है कि दोबारा कांग्रेस की सरकार बनी तो फिर से कर्जमाफी होगी.
2018 में भी की थी कर्जमाफी की घोषणा :इससे पहले भी कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले कर्जमाफी की घोषणा की थी.जिसका नतीजा ये था कि 71 सीटों पर कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी. एक बार फिर कांग्रेस ने कर्जमाफी की बड़ी घोषणा करके किसानों के बीच खुशी की लहर पैदा कर दी है.जिसका असर आने वाले चुनाव में पड़ेगा.
छत्तीसगढ़ की राजनाति में धान और किसान अहम: छत्तीसगढ़ की राजनीति में धान और किसान अहम फैक्टर है. यहां लगातार धान किसानों पर राजनीति होती है. जो पार्टी किसानों के हित की बात करती है. उनकी सरकार हर बार बनती है. ऐसे में एक बार फिर सीएम बघेल ने मास्टर स्ट्रोक खेला है. जिसका असर आने वाले मतदान और चुनाव पर पड़ सकता है.
बीजेपी ने सीएम बघेल पर बोला हमला: कर्जमाफी के ऐलान के बाद से बीजेपी ने सीएम बघेल और कांग्रेस पर हमला बोला है. बीजेपी इसे बघेल और कांग्रेस का स्टंट बता रही है. रमन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि" पूर्ण कर्जमाफी के धोखे से 2018 में सरकार बनाई और 5 साल तक लाखों किसानों का कर्ज बरक़रार रखा. अब आप सोचिये कि इस किसान विरोधी सरकार ने फिर ऐसा क्या किया कि किसान फिर कर्जदार हो गए? 5 साल के विकास पर तो इन्हें कोई भरोसा रहा नहीं अब बस घोषणाओं का सहारा बचा है क्योंकि शायद दाऊ ने सर्वे की रिपोर्ट पढ़ ली है"