बेंगलुरु :कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को घोषणा की कि मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर अब 'कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र' कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीमा विवाद अक्सर सामने आने पर पुराने नाम को बनाए रखने का कोई मतलब नहीं है. बोम्मई ने यह घोषणा 'कर्नाटक राज्योत्सव' के दौरान की, जो 65 साल पहले राज्य का गठन होने की स्मृति में मनाया जाता है.
मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के राजनेताओं द्वारा बार-बार किए गए दावों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें पर्याप्त मराठी भाषी आबादी की उपस्थिति के कारण बेलागवी जिले और कर्नाटक के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों को महाराष्ट्र में विलय करने की मांग की गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस आशय का निर्णय आगामी कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा.
उन्होंने सवाल उठाया कि जब इतनी घटनाएं हो रही हैं तो अब भी इसे मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र कहने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ये बदलाव 1956 में ही हो जाने चाहिए थे जब राज्य पुनर्गठन अधिनियम प्रभाव में आया था. मुख्यमंत्री बोम्मई ने आगे कहा कि हमारी सरकार इस शपथ के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय असमानता को समाप्त करने की कोशिशें कर रही है कि हम राज्य के किसी भी हिस्से को विकास से अछूता नहीं रहने देंगे.
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सीएम बोम्मई ने कहा कि केवल नाम बदलने से उस क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में सुधार और विकास नहीं होता है, क्षेत्रीय असंतुलन और असमानताएं भी दूर होनी चाहिए और सभी क्षेत्रों को एक साथ विकसित होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसी भी क्षेत्र को अविकसित नहीं छोड़ने के संकल्प के साथ क्षेत्रीय असमानता को समाप्त करने का प्रयास कर रही है. बोम्मई ने कहा, हम 'कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र' के विकास के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं.