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समान नागरिक संहिता लागू करने पर विचार कर रही है कर्नाटक सरकार : मुख्यमंत्री

कर्नाटक में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर शनिवार को सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा, "हम समान नागरिक संहिता के बारे में बहुत गंभीरता से सोच रहे हैं, इसके सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और फैसला करेंगे." इसके साथ ही बोम्मई कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर भी बोले.

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Published : Nov 26, 2022, 1:01 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 3:33 PM IST

शिवमोगा : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि उनकी सरकार समानता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर दृढ़ता से विचार कर रही है. यहां अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान का प्रस्तावना समानता और बंधुत्व की बात करता है. शनिवार को सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा, "हम समान नागरिक संहिता के बारे में बहुत गंभीरता से सोच रहे हैं, इसके सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और फैसला करेंगे. भाजपा द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर घोषणापत्र में यह मुख्य बातों में से एक रही है. अन्य राज्यों में इसे लागू करने के लिए समितियां हैं. हमें लगता है कि यूसीसी होना वांछनीय है."

यूसीसी को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, "हम दीनदयाल उपाध्याय के समय से समान नागरिक संहिता के बारे में बात कर रहे हैं. देश में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इस पर गंभीर विचार चल रहा है. सही समय आने पर इसे लागू करने का भी इरादा है. हम यह भी चर्चा कर रहे हैं कि इसे अपने राज्य में कैसे (लागू) किया जाए. बोम्मई ने कहा कि राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी."

मुख्यमंत्री ने किया, "मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि हम न केवल उन चीजों की व्याख्या करेंगे जो लोगों के कल्याण को संभव बना सकती है और समानता ला सकती है, बल्कि इसे लागू करने के लिए उपाय भी करेंगे." कर्नाटक में भाजपा सरकार ने जो धर्मांतरण विरोधी कानून पेश किया है, उस पर बोम्मई ने कहा कि कई लोगों ने इसे गैरसंवैधानिक कहा, लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि जबरन धर्म परिवर्तन एक अपराध है.उन्होंने कहा, "जब भी हम समाज में समानता लाने के लिए सुधार शुरू करने के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर इसकी गलत व्याख्या की जाती है."

देश के कुछ भाजपा शासित राज्यों जैसे असम और उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की अपनी इच्छा व्यक्त की है.मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि श्रद्धालुओं को मंदिरों का प्रबंधन करना चाहिए. आने वाले दिनों में इस दिशा में प्रावधान किए जाएंगे.उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही मूल्य आधारित राजनीति कर सकती है, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के लिए आरक्षण बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम 'क्रांतिकारी' थे.

दोनों राज्यों को बनाए रखना चाहिए तालमेल: इस बीच सीएम बोम्मई ने कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर बात करते हुए कहा, 'मैंने पहले ही महाराष्ट्र सरकार से बात कर ली है. आज गृह मंत्री और डीजी आईजीपी वहां वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे. हमने सूचित किया है कि हमारी बसों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. हमने दोनों राज्यों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कहा है.'

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Nov 26, 2022, 3:33 PM IST

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