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Chhattisgarh Assembly: कोल ट्रांसपोर्टेशन पर सीएम बघेल और रमन सिंह में नोंकझोंक, सदन का पारा चढ़ा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच जमकर नोंकझोंक हुई. पूर्व सीएम रमन सिंह ने गारे पेलमा कोल ब्लॉक ट्रांसपोर्टेशन में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी के मामले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. वहीं दूसरी ओर सीएम भूपेश बघेल ने रमन सिंह के आरोपों को निराधार बताया. सीएम भूपेश ने कहा कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं की गई है. यह सभी आपके शासनकाल में बनाए गए नियमों के तहत काम किया गया है. इस जवाब के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ और बीजेपी विधायकों ने वॉकआउट कर दिया.

सीएम बघेल और रमन सिंह आमने सामने
सीएम बघेल और रमन सिंह आमने सामने

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Published : Mar 22, 2023, 5:34 PM IST

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विधानसभा में गारे पेलमा कोल ब्लॉक का मुद्दा उठाया. उन्होंने रायगढ़ कोल ब्लॉक ट्रांसलेशन के रेट और टेंडर में गड़बड़ी की बात कही. रमन सिंह के मुताबिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए दोगुने दर पर टेंडर दिया गया .रमन सिंह ने सवाल किया कि, अतिरिक्त पैसा कहां जा रहा है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र

पिछली सरकार के बनाए नियम पर हो रहा ट्रांसपोर्टेशन : डॉ रमन सिंह के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, '' किलोमीटर के हिसाब से एसईसीएल खदान के भीतर ट्रांसपोर्टेशन के लिए रेट निर्धारित है. इसका टेंडर पिछली सरकार में किया गया और नियम बनाया गया.उसी समय यह कह दिया जाता कि गाइड लाइन के हिसाब से परिवहन होगा.''

टेंडर में वसूली का आरोप :इस पर डॉ रमन सिंह ने कहा कि '' इसे लेकर एसईसीएल ने नोटिफिकेशन जारी किया है.ट्रांसपोर्टेशन के लिए एसईसीएल मापदंड तय करता है.जब गाइड लाइन तय कर चुका है. फिर छत्तीसगढ़ का उपक्रम क्यों रेट तय करेगा. कोयले की प्रति मैट्रिक टन में 210 रुपए से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली हुई है. करोड़ों की गड़बड़ी ट्रांसपोर्टिंग का रेट बढ़ाकर किया गया है. क्या टेंडर को निरस्त किया जाएगा.''



रमन सिंह के सवालों पर भूपेश का जवाब :डॉ रमन सिंह के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' यह केमिकल लोचा है. 2011 के रेट में परिवहन होता ही नहीं है. सारे शर्ते और नियम आपने बनाए हैं. अलग-अलग जगह पर अलग-अलग रेट है. दूरी के हिसाब से किलोमीटर तय होता है. आपने नियम बनाया रहता तो टेंडर क्यों निकलता.''

कहां हुई गड़बड़ी : इस पर डॉ रमन सिंह ने कहा कि "जब इतना बड़ा मामला है तो जांच क्यों नहीं. लोग 232 रुपए के रेट में तैयार हो जाएंगे. जबकि 466 रुपए के रेट में यहां टेंडर दिया गया है.'' इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, ''हमने टेंडर के जरिए रेट तय किया है. टेंडर में आठ कंपनियां शामिल हुई. 4 लोग टेंडर भरे थे, जिसमें 2 पात्र पाए गए और 2 अपात्र पाए गए. ऑनलाइन टेंडर जारी किया, देशभर के पत्र-पत्रिकाओं में टेंडर का प्रकाशन हुआ. फिर कहां गड़बड़ी हो गई.''

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बीजेपी विधायकों ने किया वॉक आउट :इस बीच भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि '' ट्रांसपोर्टेशन के लिए 675 में नई कंपनी को एमडीओ दिया गया है. इस पर सीएम ने कहा कि ''जबरदस्ती मामले को घुमाने की कोशिश की जा रही है. इस मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ और सदन में जोरदार हंगामे के बाद बीजेपी विधायकों ने वॉक आउट कर दिया.

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