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राजस्थान में एंट्री पर गहलोत की ED को धमकी, बोले- वक्त बदल रहा है

राजस्थान में हुए वरिष्ठ अध्यापक पेपर आउट मामले (ED Raid in Rajasthan) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सक्रिय हो गई. सोमवार को प्रदेशभर में करीब 27 जगहों पर ईडी ने छापेमारी की. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

ED Raid in Rajasthan
ED Raid in Rajasthan

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Published : Jun 5, 2023, 5:39 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 8:45 PM IST

सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना...

जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर आउट मामले में आखिरकार सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो गई है. इस मामले में आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा, ठेकेदार भजनलाल विश्नोई और सुरेश ढाका के घर पर ईडी की टीमें पहुंची हैं. साथ ही प्रदेश में 27 जगहों पर ईडी ने दबिश दी. ईडी की इस एंट्री पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है.

सीएम ने कहा- ये गलत है : सीएम गहलोत ने कहा कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स राजस्थान में घुसने के लिए तड़प रही थीं. पेपर लीक मामले में आरपीएससी का मेंबर गिरफ्तार हुआ है, जिससे पता चलता है कि एसीबी ने शानदार काम किया. बावजूद इसके ईडी को भेज दिया. पहले भी पेपर लीक में ईडी भेजी थी, क्या हुआ ? गहलोत ने कहा कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स की एक विश्वसनीयता है. अधिकारी ऊपर वालों के दबाव में आना बंद कर दें. उन्होंने कहा कि कान खोलकर सुन लें, वक्त बदल रहा है. जांच करना उसका अधिकार है, जो एफआईआर दर्ज करता है. चुनाव जीतने, माहौल अपने पक्ष में बनाने के लिए ये हरकत कर रहे तो ये गलत है.

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27 जगहों पर छापेमारी :जानकारी के मुताबिक जयपुर में वैशाली नगर में डीएवी स्कूल के पास स्थित आशापूर्णा अपार्टमेंट में सुरेश ढाका के फ्लैट के साथ ही करीब दस जगहों पर ईडी की टीमें छापेमारी कर रही है. बाहर सीआरपीएफ और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. इसके अलावा अजमेर, जोधपुर, बाड़मेर, उदयपुर, डूंगरपुर और जालोर सहित कई जिलों में ईडी की छापेमारी चल रही है. आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा के अजमेर और डूंगरपुर स्थित मकानों पर ईडी की छापेमारी चल रही है, जबकि बाड़मेर में पेपर आउट मामले में पकड़े गए भजनलाल विश्नोई के घर पर भी ईडी की टीम पहुंची है. बताया जा रहा है कि वरिष्ठ अध्यापक पेपर आउट मामले के साथ ही REET पेपर आउट मामले में भी ईडी सक्रिय है और इससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है.

10 मई को RPSC अध्यक्ष और सचिव को दिया नोटिस :वरिष्ठ अध्यापक पेपर आउट मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा का नाम सामने आने और उसकी गिरफ्तारी होने के बाद ईडी ने आरपीएससी के अध्यक्ष और सचिव को 10 मई को नोटिस जारी किया था. इस पूरे मामले में बड़े पैमाने पर धन के लेन-देन की जांच को लेकर यह नोटिस जारी किया गया था. साथ ही ईडी ने परिवाद भी दर्ज किया था. इसके बाद अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय और तत्कालीन सचिव हरजीलाल अटल को नोटिस जारी किया गया था. बाबूलाल कटारा को भी ईडी ने नोटिस दिया था, उससे पिछले दिनों जेल में भी पूछताछ की गई थी.

सुरेश ढाका, शेरसिंह मीना, भूपेंद्र सारण और बाबूलाल कटारा

बाबूलाल कटारा ने दिया था शेरसिंह को पेपर :पिछले साल 24 दिसंबर को हुई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती का पेपर आउट होने के बाद इस मामले की जांच एसओजी को सौंपी गई थी. एसओजी ने इस साल 6 अप्रैल को ओडिशा से शेरसिंह मीना उर्फ अनिल मीना को गिरफ्तार किया था. वह सिरोही जिले की सरकारी स्कूल में शिक्षक था और पेपर आउट का मास्टरमाइंड है. उसने बाबूलाल कटारा से 60 लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था. अजमेर में अपने घर पर बाबूलाल कटारा ने शेर सिंह को पेपर दिया था. इसके बाद उसने भूपेंद्र सारण को एक करोड़ रुपए में आगे पेपर को बेचा था. भूपेंद्र सारण ने सुरेश ढाका को पेपर मुहैया करवाया, जिसने आगे अभ्यर्थियों को 5-7 लाख रुपए लेकर पेपर दिया.

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18 अप्रैल को कसा था कटारा पर शिकंजा :शेरसिंह की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा का नाम सामने आया और एसओजी ने 18 अप्रैल को उसपर शिकंजा कसा था. उसे अजमेर से हिरासत में लिया गया और जयपुर लाकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ. इसके साथ ही उसके चालक गोपालसिंह और भांजे विजय डामोर को भी एसओजी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. शेरसिंह ने बाबूलाल कटारा से नजदीकी बढ़ाने के लिए चालक गोपालसिंह की मदद ली थी.

अरुण शर्मा ने भी हल करवाए थे पेपर :एसओजी की पड़ताल में सामने आया है कि शेरसिंह मीना से अरुण शर्मा ने भी पेपर लिए थे और उसने कई अभ्यर्थियों को पेपर हल भी करवाया था. उसे एसओजी ने 16 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. उससे भी इस मामले को लेकर कई अहम जानकारियां एसओजी के हाथ लगी थीं.

एसओजी ने सारण को बेंगलुरु से पकड़ा था :पेपर आउट मामले में एक लाख रुपए के ईनामी भूपेंद्र सारण को एसओजी ने 23 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. पहले एसओजी उसे ही पेपर आउट का मास्टरमाइंड मान रही थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि उसने पेपर शेरसिंह से लिया था. उनके बीच करीब एक करोड़ रुपए में डील हुई थी. इससे पहले 14 जनवरी को अजमेर रोड स्थित उसके घर और कोचिंग संस्थान के भवन पर भी बुलडोजर चलाया गया था.

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सुरेश ढाका अब तक नहीं आया हाथ :वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पेपर आउट मामले की एक अहम कड़ी सुरेश ढाका अभी तक एसओजी की गिरफ्त से बाहर है. वह भूपेंद्र सारण का साला है और दोनों मिलकर कोचिंग संस्थान चलाते थे. पेपर आउट मामले में भी दोनों की भूमिका रही. शेरसिंह से पेपर लेने के बाद भूपेंद्र सारण ने सुरेश ढाका के माध्यम से ही अभ्यर्थियों को पेपर मुहैया करवाया था. उसने इसके बदले अभ्यर्थियों से 5-7 लाख रुपए लिए थे. काफी तलाश के बाद भी अभी तक सुरेश ढाका एसओजी के हत्थे नहीं चढ़ा है. आज जिन ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई है, उनमें सुरेश ढाका के ठिकाने भी शामिल हैं.

चलती बस में हल करवाया जा रहा था पेपर :पिछले साल 24 दिसंबर को आरपीएससी की ओर से वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सामान्य विज्ञान के पेपर से पहले पुलिस ने उदयपुर जिले में कार्रवाई करते हुए चलती बस में पेपर हल करवाने के मामले का खुलासा किया था. बस से 55 अभ्यर्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. यह मामला सामने आने के बाद आरपीएससी ने इस पेपर को आउट मानते हुए सामान्य विज्ञान की परीक्षा निरस्त कर दोबारा करवाई थी. आरपीएससी ने 46 अभ्यर्थियों पर किसी भी परीक्षा में बैठने पर प्रतिबंध लगाया था.

Last Updated : Jun 5, 2023, 8:45 PM IST

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