जयपुर:कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पूरे देश में तेजी से फैल रही है. इस लहर से कईयों की जानें जा रही हैं. बता दें, पिछले 24 घंटों में भारत में 3.48 लाख नए मामले सामने आए. केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही हैं.
राजस्थान में कोरोना वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर प्रस्ताव अनुमोदित वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में हुई. इसमें प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए वैक्सीन, दवाओं, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य आवश्यक संसाधनों की त्वरित खरीद के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किए गए. मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में वैक्सीनेशन को गति देने और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करने के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया. इससे विदेशी वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की एक करोड़ डोज खरीदी जा सकेगी. ये खरीद जल्द से जल्द हो, इसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन को नोडल एजेंसी बनाकर जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया जाएगा.
जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन को गति देना जरूरी
मंत्रिपरिषद ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि कोरोना संक्रमण का तेजी से प्रसार हो रहा है. देशभर में बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार से वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होने से टीकाकरण की गति काफी धीमी हो गई है. वैक्सीन की कमी के कारण राजस्थान में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए तो वैक्सीनेशन कुछ ही स्थानों पर शुरू हो पाया है, जबकि दूसरी घातक लहर युवाओं को अधिक संक्रमित कर रही है. ऐसे में जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन को गति देना बेहद जरूरी है. मंत्रिपरिषद ने इसके लिए विदेशी कंपनियों से वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर पर सहमति व्यक्त की. बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि केंद्र सरकार की ओर से युवा वर्ग के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण राज्य सरकार ने खुद के संसाधनों से करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च कर निशुल्क टीकाकरण का निर्णय किया है. ऐसे में तमाम प्रयास कर प्रदेश की इस युवा आबादी का टीकाकरण जल्द से जल्द कराया जाना बेहतर होगा.
आपातकालीन उपयोग के लिए दवाओं की जल्द हो सकेगी खरीद
मंत्रिपरिषद ने संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए विभिन्न जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मेडिकल उपकरण की खरीद और ऑक्सीजन परिवहन के लिए वित्तीय प्रक्रियाओं में शिथिलता के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया. इससे इन आवश्यक दवाओं तथा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में आसानी होगी और रोगियों को समय पर समुचित उपचार मिल सकेगा. कोविड में आपातकालीन प्रयोग के लिए मंजूर की गई औषधि 2 डीजी, केसीरीविमेब और इम्डीविमेब के बाजार में उपलब्ध होने पर निर्माता कंपनी से सीधे ही उपापन करने और भविष्य में कोरोना की अन्य दवाओं को भी सीधे क्रय किए जाने के प्रस्ताव का भी बैठक में अनुमोदन किया गया.
नर्सिंगकर्मियों का बदला पदनाम
राज्य मंत्रिपरिषद ने कोरोना संक्रमण के समय में प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए करीब 13 महीने से लगातार समर्पित सेवाएं दे रहे नर्सिंग कर्मियों की सराहना करते हुए अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस के अवसर पर नर्स ग्रेड-द्वितीय का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर और नर्स ग्रेड-प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर करने का निर्णय किया है. इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी.
प्रभारी मंत्री जिलों में कोविड स्थिति की करेंगे नियमित समीक्षा
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिलों में संक्रमण की स्थिति की गहन समीक्षा और उसके अनुरूप पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लोगों को राहत देने के लिए प्रभारी मंत्री जिलों का नियमित दौरा करेंगे. वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग और फोन के माध्यम से भी जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में रहेंगे. जरूरतमंदों की मदद, कोई भूखा ना सोए के संकल्प को साकार करने, उपचार के लिए भामाशाहों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से संसाधन जुटाने के लिए भी समन्वय करेंगे. कोविड प्रोटोकाॅल और लाॅकडाउन की प्रभावी पालना के लिए ग्राम स्तरीय समितियों को सक्रिय करने, पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के साथ ही आगामी आवश्यकताओं के मद्देनजर फीडबैक भी प्राप्त करेंगे.
62 निकायों में 105 ऑक्सीजन प्लांट के लिए कार्यादेश जारी
मंत्रिपरिषद ने बैठक में कहा गया कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इसके लिए वित्तीय संसाधनों की भी कोई कमी नहीं रखी जा रही है, लेकिन कोरोना का संक्रमण जिस गति से फैल रहा है, उसके अनुरूप ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में इस बात के प्रयास किए जाएं, जिनसे राज्य कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं, मेडिकल उपकरण सहित अन्य संसाधनों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे बढ़े. विशेषज्ञों के मुताबिक ये महामारी कब खत्म होगी, कोई नहीं कह सकता. बैठक में बताया गया कि नगरीय विकास विभाग की ओर से 62 नगरीय निकाय क्षेत्रों में 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कार्यादेश जारी कर दिया गया है. चिकित्सा विभाग की ओर से प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. उसे देखते हुए प्रत्येक ब्लाॅक में एक सामुदायिक केंद्र को कोविड कंसल्टेशन और कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इनमें रोगियों के लिए ओपीडी और आईपीडी के साथ डे-केयर की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी. साथ ही प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 5 लाख से अधिक व्यक्तियों का अब तक टीकाकरण किया गया है.
ईद पर जनअनुशासन का परिचय देने की अपील
बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने संक्रमण के गहराते संकट को देखते हुए अपील की है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी स्व अनुशासन में रहें और महामारी रेड अलर्ट जनअनुशासन लाॅकडाउन की पालना सुनिश्चित करें, नहीं तो हम कितने ही संसाधन जुटा लें, हमारे सभी प्रयास कम पड़ते चले जाएंगे. बैठक में कहा गया कि लाॅकडाउन की गाइडलाइंस में 31 मई तक विवाह समारोह को स्थगित किए जाने की सलाह दी गई है. बड़ी संख्या में लोगों ने स्वविवेक से निर्णय कर शादियां स्थगित भी की हैं. अन्य लोग भी इस पहल में भागीदार बनकर कोविड की चुनौती से लड़ने में राज्य सरकार का सहयोग करें. लाॅकडाउन की इस अवधि में ईद का मुबारक पर्व भी आ रहा है. इस मौके पर अकीदतमंद जनअनुशासन का परिचय देकर घर पर ही इबादत करें. ये भी आग्रह किया है कि कोविड के इस दौर में लोग धार्मिक रीति-रिवाजों, त्योहार, उत्सव आदि के कार्यक्रम घर पर रहकर ही मनाएं.
बैठक करते तमिलनाडु सीएम स्टालिन वहीं, तमिलनाडु सरकार ने वैक्सीन को वैश्विक निविदाओं के माध्यम से आयात करने का फैसला किया है क्योंकि राज्य में कोरोना वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक नहीं हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने सीधे वैश्विक निविदा बिंदुओं के माध्यम से टीके आयात करने का फैसला किया है क्योंकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए पर्याप्त टीके नहीं हैं. केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के लिए लगभग 13 लाख टीके आवंटित किए हैं. जो पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 18 से 45 वर्ष की आयु के बीच सभी को टीका लगाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.