जयपुर.प्रदेश में बहन-बेटियों को छेड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. सीएम गहलोत ने ऐसे मनचलों के नाम आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने लव मैरिज की पैरवी करते हुए कहा कि अगर किसी का लव अफेयर है तो माता-पिता समझाइश करें और उन्हें शादी करने की छूट दें. वहीं, राजस्थान की तुलना मणिपुर से करने पर उन्होंने कड़ा ऐतराज जताया.
मनचलों पर यह बोले सीएम -प्रदेश में हो रहे महिला उत्पीड़न के मामलों पर मुख्यमंत्री शनिवार को खुलकर बोले. सीएम ने कहा कि आज का युवा कल का कर्णधार होगा. वो अच्छे साइंटिस्ट, डॉक्टर, इंजीनियर बने, प्रशासनिक सेवाओं में जाएं, सोशल वर्कर बनें, लेकिन कई जगह मनचले लड़के माहौल खराब करते हैं. लड़कियों के साथ बदतमीजी करते हैं. इस संबंध में शुक्रवार को ही चीफ सेक्रेटरी और पुलिस प्रशासन को कहा है कि मनचलों का इलाज करो. इनके नाम लिखो, इनके नाम आरपीएससी में भेजो और कर्मचारी चयन बोर्ड में भेजो.
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लव अफेयर के मामले में परिजन दें शादी करने की छूट -सीएम ने कहा कि परिवार में बच्चे-बच्चियों का ध्यान रखें, ताकि ऐसी स्थिति पैदा न हो. लड़के-लड़की बिना पूछे घर से चले जाते हैं, भाग जाते हैं. ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए. परिजनों को भी चाहिए कि बच्चों का ख्याल रखें, उनके दिलो-दिमाग में क्या है. कई बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं, कई बच्चे एक-दूसरे को मार देते हैं. यह तभी रुकेगा, जब मां-बाप का दिल बड़ा हो. अगर किसी का लव अफेयर है तो माता-पिता समझाइश करे. उनको शादी करने की छूट दें. अपना प्रतिष्ठा बनाकर जब वो बैठते हैं तो बच्चे भी गुस्से में बाहर निकल जाते हैं. जैसे ब्यावर की घटना थी. लड़का-लड़की दोनों नाबालिग थे. दोनों जोधपुर चले गए. फिर अहमदाबाद जा रहे थे और बीच में ये घटना हो गई. अधिकांश घटनाएं इसी तरह होती हैं, जिसकी स्टडी की जा रही है.
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मणिपुर से तुलना करके किया जा रहा राजस्थान को बदनाम -उन्होंने कहा कि राजस्थान में जानबूझकर माहौल बनाया जा रहा है. मणिपुर से तुलना करके बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ घटनाएं जरूर हुई हैं. ऐसी घटनाएं हर राज्य में हो रही हैं. भाजपा को मध्यप्रदेश की घटनाएं नहीं दिखती है. वहां तो पूर्व एमएलए का बेटा ही वाकया में शामिल पाया गया. जोधपुर में एबीवीपी के दो-तीन लड़के थे, उन्होंने बच्ची का गैंगरेप किया. वहीं, अलवर में बजरंग सेना बनी हुई है. उसी के कार्यकर्ता ने रेप किया. हालांकि इसकी चर्चा नहीं करेंगे. ये जो रेप अत्याचार हो रहा है, इसे लेकर सभी मिलकर समाज को शिक्षित करें, मोटिवेट करें.
राजस्थान पुलिस का रखा पक्ष - उन्होंने राजस्थान पुलिस का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा की घटना में भी चारों-पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. एक्शन करने में हिन्दुस्तान भर के राज्यों में राजस्थान पुलिस सबसे आगे है. देश में ऐसा कौन सा राज्य है, जहां घटनाएं नहीं होती. फिर भी मणिपुर केस को डायल्यूट करना है, जहां प्रधानमंत्री और अमित शाह ने भारी ब्लंडर किया है. वहां जाकर एक बार फॉर्मेलिटी मात्र कर दी गई. आज वहां 85 दिन हो गए हैं. अब भी मणिपुर जल रहा है. वहां 100 से ज्यादा रेप की घटनाएं हो गई. 3000 से 4000 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. दो समुदाय उसी स्टेट के हैं, जो आपस में दुश्मनी पाले हुए हैं. उनके पास हथियार भी हैं, जिसमें एक-47 भी शामिल है. उस राज्य से राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तुलना करना केवल व केवल सियासत है.
भीलवाड़ा केस पर जल्द आए फैसला -सीएम ने कहा कि जो मनचले लोग हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस को भी कड़े निर्देश दिए गए हैं कि मनचलों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न करें. साथ ही हमारी कोशिश है कि भीलवाड़ा की जो घटना हुई है, उसका चालान भी 8 से 10 दिन में पेश हो और कोर्ट से ये रिक्वेस्ट करेंगे कि एक महीने में इसका फैसला हो जाए.
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भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा के फूल गए थे हाथ-पैर - वहीं, राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर सीएम ने कहा कि ये कॉन्सपिरेसी थी, जब भारत जोड़ो यात्रा निकली, तब भाजपा वालों के हाथ-पैर फूल गए थे. भाजपा सोच रही थी कि राहुल गांधी को सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम करने में वो कामयाब हो जाएगें. हिन्दुस्तान के इतिहास में इस तरह के मामलों में कभी 2 साल की सजा नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी देशवासियों को संदेश देने के लिए सफिशिएंट है. राहुल गांधी को षड्यंत्र करते हुए पार्लियामेंट से निकाला गया. इसलिए बार-बार कहते आए हैं, लोकतंत्र खतरे में हैं. संविधान की धज्जियां उड़ रही है. देश व प्रदेशवासियों को इसका विश्लेषण करना चाहिए.
राजस्थान में एसीबी को कोई इंटरफेयर नहीं करताःइस दौरान सीएम ने मेयर पति सुशील गुर्जर पर हुई एसीबी की कार्रवाई पर कहा कि दुख इस बात का है कि जिन राज्यों में एसीबी काम नहीं कर रही है, उनमें एक यूपी है. किसी भी अधिकारी को गिरफ्तार करने से पहले सीएम से परमिशन लेनी पड़ती है. लेकिन आज तक वहां किसी को परमिशन मिली नहीं है. राजस्थान में एसीबी को कोई इंटरफेयर नहीं करता. यहां कलेक्टर, एसपी, आरपीएससी के मेंबर, मेयर के हस्बैंड और आईआरएस अरेस्ट हो रहे हैं.
कई केंद्र सरकार के अधिकारी हैं, उनको भी अरेस्ट करने की पावर है. उस पावर का पूरी तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि इस पावर को यूज कर रहे हैं तो पब्लिक को भ्रमित किया जा रहा रहे है, लेकिन यहां लोग पकड़े नहीं जा रहे, सरकार पकड़वा रही है. बीजेपी का अगर थोड़ा भी जमीर बचा हुआ है तो इसे अप्रिशिएट करें.