जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच चल रही संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिनों पहले जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अभियुक्त कहते हुए यहां तक आरोप लगा दिया था कि Z सिक्योरिटी उन्होंने राजस्थान पुलिस से बचने के लिए ली है.
वहीं, इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी जवाब देते हुए कहा कि वह केवल मुख्यमंत्री की नजर में अभियुक्त हैं, क्योंकि उन्होंने उनके बेटे वैभव गहलोत को पौने तीन लाख वोटों से चुनाव हराया था. बाकी पुलिस की ओर से पेश की गई हजारों पन्नों की तीन चार्ज शीट में उनके और उनके परिवार पर कोई आरोप नहीं है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी मामले में जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया है.
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गहलोत ने कहा कि एसओजी के अनुसंधान में अन्य गिरफ्तार किए जा चुके अभियुक्तों के समान ही धाराओं में गजेंद्र सिंह के जुर्म भी प्रमाणित हो चुके हैं. इस घोटाले में एक लाख से ज्यादा लोगों के 900 करोड़ रुपए संजीवनी सोसायटी ने लूटे हैं. उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी अटैच करने का अधिकार एसओजी के पास नहीं होकर प्रवर्तन निदेशालय के पास है, इसके चलते एसओजी ने पिछले 2 सालों में 5 बार प्रवर्तन निदेशालय को संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रॉपर्टी अटैच करने का आग्रह किया. लेकिन प्रवर्तन निदेशालय जो विपक्षी दलों पर छापे मारता है, लेकिन इस मामले में अब तक प्रॉपर्टी अटैच नहीं कर पाई.
गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह से सवाल पूछते हुए कहा कि आप तो स्वयं केंद्रीय मंत्री हैं यदि आप बेकसूर हैं तो गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे क्यों नहीं आते. केंद्रीय मंत्री होने के नाते आप अब तक ईडी से क्यों कार्रवाई नहीं करवा सके. इसका जवाब आपको जनता को देना होगा और राजस्थान सरकार पीड़ितों को न्याय और इंसाफ दिलाने के लिए ईडी से लगातार संपर्क साधती रहेगी.