थराली: उत्तराखंड में कुदरत कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमोली जिले के थराली में गुरुवार 17 अगस्त देर रात को बादल फटने का मामला सामने आया है. बादल फटने की वजह से सोल घाटी में प्राणमती नदी में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया था, जिस कारण पिंडर नदी भी उफान पर आ गई थी. बादल फटने के बाद दो घरों में मलबा भी घुस गया था.
वहीं, नदी के उफान पर आने लोगों में दहशत का माहौल है. बादल फटने के बाद पुलिस-प्रशासन की टीम भी अलर्ट हो गई थी, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन की टीम ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने को कहा. चमोली प्रशासन के मुताबिक इस घटना में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है. हालांकि कुछ घरों और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है.
पढ़ें-उफान पर है सुसुआ नदी, बुल्लावाला डोईवाला पुल की एप्रोच वॉल बही, ब्रिज पर खतरा मंडराया
बता दें कि उत्तराखंड में मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है. मौसम विभाग की माने तो इस दौरान लोगों की पहाड़ों जिलों में सफर करने से बचाना चाहिए. पुलिस-प्रशासन भी लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि जब तक मौसम खराब है, वो सुरक्षित स्थानों पर ही रूके रहे. किसी भी तरह का जोखिम न ले.
बादल फटने के बाद घरों में आया मलबा.
पढ़ें-तोता घाटी में भूस्खलन से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे हुआ बंद, 60 किमी अतिरिक्त दूरी तय कर नरेंद्र नगर से जा रहे यात्री
गौरतलब हो कि बीते कुछ दिनों से उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है. इस मॉनसून सीजन में बारिश और आपदा के कारण 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बारिश के कारण पहाड़ों पर जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रहा है, जिस वजह से रास्ते बंद हो जा रहे है. शुक्रवार सुबह भी श्रीनगर गढ़वाल के पास तोता घाटी में बड़ा भूस्खलन हुई, जिस कारण हाईवे पर भारी मलबा आ गया और ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे अवरुद्ध हो गया. तोता घाटी में हाईवे बंद होने की वजह से यात्री नरेंद्र नगर होते से हुए श्रीनगर से ऋषिकेश पहुंच रहे है, जिसके चलते उन्हें 60 किमी की अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है.
उत्तराखंड में कुदरत का कहर