बेंगलुरु : जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि ने शनिवार को सवाल किया कि पृथ्वी पर जीविका के बारे में सोचना कब अपराध बन गया? दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में कथित तौर पर शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
बेंगलुरु की रहने वाली 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता ने ट्विटर पर जारी चार पृष्ठों के अपने बयान में कहा कि 'जेल कोठरी में बंद रहने के दौरान मैं सोच रही थी कि इस ग्रह पर जीविका के सबसे बुनियादी तत्वों के बारे में सोचना कब गुनाह हो गया, जो कि जितना उनका है उतना मेरा भी है.'
रवि ने कहा कि सोच रही हूं कि कुछ सौ की लालच का खामियाजा लाखों लोगों को क्यों चुकाना पड़ रहा है. रवि ने कहा कि यदि हमने अंतहीन खपत और लालच को रोकने के लिए समय पर कार्रवाई नहीं की तो मानव जाति अपनी समाप्ति के करीब पहुंच जाएगी.
उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान उनकी स्वायत्तता का उल्लंघन किया गया था और उनकी तस्वीरों को सभी खबरों में प्रसारित किया गया.
उन्होंने कहा कि 'मेरे कार्यों को दोषी ठहराया गया था - कानून की अदालत में नहीं, बल्कि टीआरपी चाहने वालों द्वारा स्क्रीन पर.'
रवि ने उनके समर्थन में बाहर निकले लोगों और प्रो-बोनो पैरवी (यानी किसी पेशेवर द्वारा मुफ्त में या कम फीस पर अदालत में पैरवी करना) करने वालों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिन उनके लिए पीड़ा वाले रहे हैं.