चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में विधायकों और सांसदों पर चल रही आपराधिक मामलों से संबंधित सुनवाई के दौरान हरियाणा की ओर से प्रदेश के नेताओं पर चल रहे मामलों के संबंध में जानकारी को लेकर एफिडेविट दायर किया गया. इस एफिडेविट के मुताबिक डीएलएफ लैंड डील मामले में गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं मिलने पर हरियाणा सरकार की ओर से रॉबर्ट वाड्रा को क्लिन चीट दे दिया गया है. वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मानेसर में डीएलएफ की जमीन के मामले में क्लीन चिट दी गई है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को भी हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के संबंध में उन पर दायर एक मामले में क्लीन चिट दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद देश के सभी हाईकोर्ट को निर्देशित किया गया था कि वह विधायकों और सांसदों पर चल रहे मामलों को लेकर तेजी से काम करें और उसकी प्रगति रिपोर्ट दें. इसी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ गुरुग्राम में धोखाधड़ी और अन्य के खिलाफ दायर फिर के मामले में लगभग पांच साल बाद, राज्य ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया है कि उसके राजस्व अधिकारियों ने रॉबर्ट वाड्रा (डीएलएफ) द्वारा भूमि के हस्तांतरण में उल्लंघन नहीं पाया है.
सरकार की ओर से हाईकोर्ट के सामने रखे गए हलफनामे में यह भी कहा गया है कि 18 अक्टूबर, 2005 को आईपीसी की धाराओं और एचपीएससी की भर्ती में कथित अनियमितताओं और कदाचार के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई थी.
वहीं, डीएलएफ को भूमि हस्तांतरण मामले का उल्लेख करते हुए हलफनामे में कहा गया है कि तहसीलदार, मानेसर, गुरुग्राम की ओर से यह बताया गया था कि स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर, 2019 को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची थी और कोई विनियमन-नियम नहीं है. तहसीलदार, वजीराबाद, गुरुग्राम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि विचाराधीन भूमि मैसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के नाम पर नहीं मिली है और भूमि अभी भी एचएसवीपी-एचएसआईआईडीसी, हरियाणा के नाम पर मौजूद है.