देहरादून: ताकतवर और युवा बाघ जिन बूढ़े और कमजोर हो गए बाघों को उनकी सल्तनत से बेदखल करते हैं, वो इलाका छोड़ इंसानी बस्तियों की तरफ रुख कर रहे हैं. दरअसल जंगल का एक ही कानून है, जो ताकतवर है वही राज करेगा. जंगल के इसी कानून के तहत कॉर्बेट के जंगलों में ताकतवर और खूंखार बाघों के बीच घमासान मचा हुआ है.
सल्तनत गई तो शिकार भी बदला: एक छोटे से क्षेत्र में बाघों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है, कि आज कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क देश में बाघों की संख्या के लिहाज से सबसे अधिक घनत्व वाला क्षेत्र है. यानी यहां एक निश्चित क्षेत्र में सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं. यह बात वन्य जीव संरक्षण के लिहाज से खुशी देने वाली तो है, लेकिन उससे ज्यादा चिंता पैदा करने वाली भी. ऐसा इसलिए क्योंकि बाघ ऐसा वन्य जीव है, जो अकेले रहना और शिकार करना पसंद करता है. इस बीच कोई प्रतिद्वंदी उसके सामने आ जाएं तो आपसी संघर्ष का खूनी होना तय है. कॉर्बेट में भी कुछ ऐसी ही स्थिति दिखाई दे रही है.
यहां काम करता है जंगल का कानून: स्थिति यह है कि कॉर्बेट में खुद के सर्वाइवल के लिए अक्सर टाइगर आमने सामने आ जाते हैं. फिर वही होता है जो जंगल का कानून कहता है. या तो आपसी संघर्ष में कमजोर और बूढ़ा बाघ अपनी जान खो देता है. या उसे जंगल छोड़कर दूसरी जगह शरण लेनी पड़ती है. फिलहाल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में ऐसे ही संघर्ष के दौरान बूढ़े और कमजोर हो चुके बाघ जंगल से बाहर होने को मजबूर हैं. इन स्थितियों में कई बार वह इंसानी बस्तियों के पास पहुंच जाते हैं. सबसे पहले जानिए कॉर्बेट की क्षेत्रीय स्थिति क्या है.
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जानिए कॉर्बेट नेशनल पार्क का गणित
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व 1288.32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है
करीब 821.99 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कोर जोन में शामिल है
466.32 वर्ग किलोमीटर बफर जोन में माना जाता है
बाघों की संख्या के लिहाज से कॉर्बेट हाई केयरिंग कैपेसिटी में पहुंचा
एक बाघिन को तकरीबन 50 वर्ग किलोमीटर तो बाघ को 150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की होती है जरूरत
बाघों की बढ़ती संख्या के लिहाज से कॉर्बेट में पर्याप्त जगह नहीं है
इंसानों पर बाघों के हमले बढ़े: वैसे तो बाघों के आपसी संघर्ष के उदाहरण कॉर्बेट के अलावा कई दूसरे जगह पर भी दिखाई देते हैं. लेकिन कम जगह पर बेहद ज्यादा बाघ होने के कारण कॉर्बेट में इसकी संभावना सबसे ज्यादा है. बड़ी बात यह है कि बाघों के आपसी संघर्ष के दौरान बूढ़े और कमजोर बाघों को युवा और ताकतवर बाघ जंगलों से बाहर कर देते हैं. इस हालात में बाघ कई बार इंसानी बस्तियों की तरफ जाने को मजबूर हो जाते हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति कॉर्बेट में भी कुछ मामलों में दिखाई देती है. खास बात यह है कि पिछले कुछ समय में बाघों के हमले इंसानों पर बढ़े हैं. इसके पीछे इसे भी एक वजह माना जा रहा है.
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