इंफाल/नई दिल्ली :मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022 का दूसरा चरण 5 मार्च को है. इससे पहले कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. बुधवार रात करीब 11.30 बजे हुई हिंसा के दौरान 8 दोपहिया और चार पहिया वाहनों सहित 13 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. घटना काकचिंग खुनौ की है. पहले चरण के दौरान भी कई जगह पर हिंसा की खबरें सामने आई थीं.
मणिपुर में भारी सुरक्षा इंतजामों और हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच पहले चरण की 60 विधानसभा सीटों में से 38 पर सोमवार को 78.03 फीसदी मतदान हुआ था. जिन पांच जिलों में पहले चरण का चुनाव हुआ था, उनमें से सबसे अधिक 82.19 प्रतिशत मतदाताओं ने इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों में मतदान किया, इसके बाद इंफाल पूर्व में 76.64 प्रतिशत, चुराचांदपुर में 74.45 प्रतिशत और बिष्णुपुर में 73.44 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था.
उस दौरान भी चुराचांदपुर जिले में दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी. सुरक्षा बलों ने अतिरिक्त बलों को जुटाकर स्थिति से तेजी से निपटा. इसी तरह सिंघाट में कुछ लोगों ने एक ईवीएम को क्षतिग्रस्त कर दिया था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंफाल पश्चिम जिले के लंगथबल निर्वाचन क्षेत्र के काकवा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र को कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि केइराव सीट पर प्रतिद्वंद्वी समूह के सदस्यों ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के एक उम्मीदवार के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया, हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था. कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों और नेताओं ने एक-दूसरे की पार्टी पर बूथों पर मतदाताओं को डराने, तोड़फोड़ करने और हिंसा का सहारा लेने के आरोप लगाए हैं.
भाजपा ने प्रतिबंधित समहों को पैसे दिए: कांग्रेस
उधर, कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मणिपुर में प्रतिबंधित संगठनों को 'पैसे देकर' चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है जो आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर की भाजपा सरकार ने गत एक फरवरी को 'संसपेंशन ऑफ ऑपरेशन' (गतिविधि के निलंबन) के तहत प्रतिबंधित चरमपंथी समूहों को 15.7 करोड़ रुपये जारी किए और फिर 92.7 लाख रुपये दिए. इसने चार जिलों में चुनावों का मजाक बनाया है.