नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने छात्रों और युवाओं से लोकतंत्र के महत्व को समझने और अपनी सक्रिय भागीदारी से इसे कायम रखने एवं सशक्त बनाने का आह्वान किया है. न्यायमूर्ति रमना ने को न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के दौरे के अवसर पर यह आह्वान किया. उन्होंने वहां विशिष्ट पूर्व छात्रों (एलुमनाई) में से एक डॉ बी आर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सीजेआई ने कहा, 'हमारे देश की अब तक की 75 साल की लंबी यात्रा लोकतंत्र की शक्ति का प्रमाण है. यह आवश्यक है कि लोग, विशेषकर छात्र और युवा, लोकतंत्र के महत्व को समझें. आपकी सक्रिय भागीदारी से ही लोकतंत्र कायम और मजबूत हो सकता है. केवल एक सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था ही दुनिया में स्थायी शांति की बुनियाद हो सकती है.' उन्होंने कहा कि जब भारत के युवा गणराज्य की परिवर्तनकारी यात्रा इतिहास की किताबों में दर्ज होगी, तो इसका श्रेय भारत के संविधान और उसमें लोगों की आस्था को दिया जाएगा.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'काफी साल पहले, डॉ. बीआर अंबेडकर शिक्षा के इस महान गलियारों से गुजरे थे. आज मुझे उनके पदचिह्नों पर चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. यह मेरे लिए भावनात्मक क्षण है. मेरी कोई विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि नहीं है. मैं एक साधारण किसान का बेटा हूं. मैं परिवार में विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति हूं. आज मैं यहां भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में खड़ा हूं.'