नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि पिछले साल एक जुलाई से इस साल 30 जून के बीच विमानों में तकनीकी खराबी के कुल 478 मामले सामने आए. नागर विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में एयर इंडिया के विमानों में तकनीकी खराबी के 184 मामले सामने आए जबकि इंडिगो के विमानों में 98 और स्पाइस जेट के विमानों में 77 ऐसे मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि गो एयर में ऐसे मामलों की संख्या 50 थी जबकि विस्तारा में 40, एयर एशिया में 14 तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 10 रही.
मंत्री ने कहा कि विमानों में लगे उपकरणों में खराबी के कारण, तकनीकी कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है, जिसके मद्देनजर विमानन कंपनियों द्वारा सुधार अपेक्षित है ताकि यात्रियों को सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय विमान यात्रा सेवा प्रदान की जा सके.
अगले दो साल में विमानन क्षेत्र में एक लाख और लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद : मंत्रालय ----------नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में अगले दो साल के दौरान एक लाख और लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है. लोकसभा में सोमवार को पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, विमानन मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया, 'अनुमान बताते हैं कि विमानन और वैमानिकी विनिर्माण क्षेत्र में वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 2,50,000 लोगों को रोजगार मिला है.' रिपोर्ट में कहा गया कि 2,50,000 के आंकड़े में पायलट, चालक दल के सदस्य, इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी, हवाईअड्डा स्टाफ, प्रबंधन, माल, खुदरा, सुरक्षा, प्रशासनिक और बिक्री कर्मचारी शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा, '2024 तक यह संख्या बढ़कर 3,50,000 हो सकती है. विमानन क्षेत्र में अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष नौकरियों का अनुपात लगभग 4:8 है.' रिपोर्ट के अनुसार, 'मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों के बेड़े में वृद्धि होने की उम्मीद है. इसके लिए अगले पांच वर्षों के दौरान अतिरिक्त लगभग 10,000 पायलटों की जरूरत होगी.'