नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग के मालिकों से जोखिम लेने और निवेश को बढ़ाने का आग्रह किया जो अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने(पीएम मोदी) उन्हें (मालिकों को) अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में उनका सहयोग मांगा, जिसमें पिछले वित्त वर्ष में कोविड -19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण 7% से अधिक की गिरावट आई है.
उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार मजबूरी में सुधारों को नहीं बढ़ा रही है बल्कि मजबूती और विश्वास के साथ सुधारों को आगे बढ़ा रही है और राष्ट्र हित में कोई भी जोखिम उठाने को तैयार है.
भारत के सबसे बड़े समूह टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन, सीआईआई के अध्यक्ष, सीईओ और एमडी, कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक सहित अन्य की एक सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आप लोगों से जोखिम लेने की अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति का और विस्तार करने का आग्रह करूंगा. प्रधानमंत्री ने कहा, निवेश और रोजगार सृजन की गति बढ़ाने के लिए देश को उद्योग से बहुत उम्मीदें हैं.
पिछले सात वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख आर्थिक सुधारों के बारे में बात करते हुए, जिसमें एक आम राष्ट्रव्यापी वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू करना शामिल है, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार दृढ़ आर्थिक सुधारों को दृढ़ विश्वास के कारण लागू कर रही है, न कि किसी मजबूरी के कारण.
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में आज की ये बैठक बहुत अहम है. पीएम ने कहा कि मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर से लेकर, टीकाकरण तक, देश को जो भी जरूरत पड़ी, जब भी जरूरत पड़ी, उद्योगों ने आगे बढ़कर हर संभव योगदान दिया.
उन्होंने देश के आर्थिक पुनरुद्धार में उद्योग द्वारा निभाई गई भूमिका की भी प्रशंसा की. प्रधानमंत्री ने कहा, आप सभी के प्रयासों से भारत की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है. शायद ही कोई दिन होगा जब कोई सीईओ बयान नहीं देगा या जब देश में नए अवसरों के बारे में कोई खबर नहीं होगी.