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देशभर में क्रिसमस की धूम, गिरजाघर में प्रार्थनासभाओं में उमड़े लोग

देशभर में क्रिसमस का त्योहार मनाया गया. गिरजाघरों में शनिवार रात से ही प्रार्थनासभाओं का दौर चला, जिनमें बड़ी संख्या में लोग उमड़े. गिरजाघर, मॉल और अन्य इमारतें रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर नजर आए. बड़ी संख्या में लोग एक-दूसरे को बधाई देने के लिए निकले और कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाकर उत्सव में हिस्सा लिया तथा उपहारों का आदान-प्रदान किया. (Christmas celebration 2022)

Christmas celebration 2022
गिरजाघर में प्रार्थनासभाओं में उमड़े लोग

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Published : Dec 25, 2022, 4:04 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में उत्साह के साथ क्रिसमस मनाया गया. देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में इस सप्ताह की शुरुआत से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं और कामना की कि यह विशेष दिन समाज में सद्भाव व आनंद को और मजबूत करे. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'क्रिसमस की शुभकामनाएं! यह विशेष दिन हमारे समाज में सद्भाव और आनंद की भावना को आगे बढ़ाए. हम प्रभु ईसा मसीह के आदर्श विचारों और समाज की सेवा पर जोर दिए जाने को याद करते हैं.'

बेलूर मठ में क्रिसमस पर प्रार्थनासभा

असम में मध्यरात्रि की प्रार्थना में लोगों ने हिस्सा लिया :असम में रविवार को क्रिसमस का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की गई. इस अवसर पर सभी धर्मों के लोगों ने अपने ईसाई मित्रों के साथ त्योहार मनाया और आधी रात के समय सामूहिक प्रार्थना सभाओं के लिए गिरजाघरों में भीड़ देखी गई. गिरजाघरों को विशेष रूप से सजाया गया था, जिसमें रोशनी और ईसा मसीह के जन्म को दर्शाने वाले दृश्य शामिल थे.

राज्यपाल जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस अवसर पर लोगों को बधाई दी. ईसाई समुदाय के लोगों ने कैरल गाया और उपहारों का आदान-प्रदान किया.

राज्यपाल ने एक संदेश में कहा, 'मैं क्रिसमस के अवसर पर विशेष रूप से ईसाई धर्म के लोगों और अन्य लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.' उन्होंने कहा, 'इस दिन हम प्रभु यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं जिन्होंने हमें शांति, त्याग, प्रेम और करुणा का संदेश दिया. इसलिए, क्रिसमस के दिन हम सभी सार्वभौमिक भाईचारे और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को मजबूत करने के लिए प्रभु यीशु की शिक्षाओं के प्रति खुद को फिर से समर्पित करें.'

मुख्यमंत्री ने ट्विटर के माध्यम से इस अवसर पर सभी को बधाई दी. शर्मा ने लिखा, 'सभी को क्रिसमस की बधाई. मेरी हार्दिक शुभकामनाएं. आपको हमेशा खुशी और समृद्धि मिले.'

पार्कों को आकर्षक ढंग से सजाया गया

तमिलनाडु में उल्लास के साथ मनाया गया क्रिसमस :तमिलनाडु में धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाया गया और गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं की गईं. चेन्नई के सैंथोम बेसिलिका चर्च सहित लोकप्रिय गिरजाघरों में विशेष पवित्र प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जबकि अन्नाई वेलंकन्नी और सेंट थॉमस माउंट श्राइन में भी बड़ी संख्या में लोगों ने प्रार्थना की.

तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और अन्नाद्रमुक के नेताओं ने लोगों को क्रिसमस की बधाई दी. घड़ी में रात के 12 बजते ही लोगों ने पादरियों के साथ मध्यरात्रि की प्रार्थना सभा में विशेष प्रार्थना की.

नागपट्टनम जिले के वेलंकन्नी चर्च में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने प्रार्थना में भाग लिया और इस अवसर पर बच्चों तथा श्रद्धालुओं ने मोमबत्तियां जलाईं. गिरजाघरों को रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग करते हुए भव्य तरीके से सजाया गया था.

गुजरात में इमारतें हुईं रोशन :पूरे गुजरात में ईसाई समुदाय के सदस्यों ने क्रिसमस के अवसर पर प्रार्थना की और मध्यरात्रि की प्रार्थना में हिस्सा लिया. इस अवसर पर गिरजाघर, मॉल और अन्य इमारतें रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर नजर आए. बड़ी संख्या में लोग एक-दूसरे को बधाई देने के लिए निकले और कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाकर उत्सव में हिस्सा लिया तथा उपहारों का आदान-प्रदान किया. यह क्रम शनिवार देर रात से शुरू होकर रविवार को भी जारी रहा.

अहमदाबाद और अन्य स्थानों में चर्च, मॉल, अन्य इमारतों और घरों को रोशनी, रंग-बिरंगे तोरण और क्रिसमस ट्री से सजाया गया. अहमदाबाद, वड़ोदरा और अन्य शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित समारोह में ईसाइयों के अलावा अन्य समुदायों के लोगों ने भी हिस्सा लिया. कुछ शहरों में विभिन्न मॉल, उद्यानों और चर्च में सांता क्लॉज के रूप में सजे लोगों को आगंतुकों का अभिवादन करते देखा गया.

वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी की पाबंदियों के बीच उत्सव का आयोजन किया गया था और पिछले साल भी त्योहार पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा था. इस बार लोगों ने भव्य जश्न मनाने का मौका नहीं छोड़ा.

कोलकाता में क्रिसमस ट्री

रामकृष्ण मिशन के बेलूर मठ में क्रिसमस का जश्न :दो साल के अंतराल के बाद रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के सैकड़ों भक्त और अनुयायी पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में बेलूर मठ - रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के परिसर में क्रिसमस समारोह में भाग लेने पहुंचे. शनिवार देर शाम जश्न मनाया गया. वहीं, 30 फुट ऊंचे क्रिसमस ट्री ने कोलकाता के केंद्र पार्क स्ट्रीट की चमक बढ़ा दी है.

क्रिसमस पारंपरिक रूप से बेलूर मठ में 'जीशु खृष्टो ओ मैरी मटर पूजो' के रूप में मनाया जाता है. बेलूर मठ के स्वामीजी ने इसमें भाग लिया, इस घटना को श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रचारित सर्व धर्म समानता के पाठ का सही प्रतिबिंब माना जाता है. मिशन के अधिकारियों के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से यह आयोजन बंद दरवाजे में होता था.

हालांकि, इस वर्ष स्थिति में सुधार के साथ उत्सव पूरे उत्साह के साथ भाग लेने वाले भक्तों और अनुयायियों के साथ अपने पुराने स्वरूप में मनाया गया. इस आयोजन को जीसस क्राइस्ट और मदर मैरी की पूजा के रूप में चिह्न्ति किया जाता है, जिसमें स्वामीजी ने एक विशालकाय चित्र के सामने दीये, मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलाकर और फूल और केक चढ़ाकर अनुष्ठान में भाग लिया.
दिसंबर 1896 की एक सर्द रात में ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार, स्वामी विवेकानंद अपने साथी भिक्षुओं से मानवता के लिए ईसा मसीह के जीवन और बलिदान के बारे में बात कर रहे थे और उन्हें मानवता, मानव सेवा और एकता का मार्ग अपनाने का आह्वान किया। तभी से क्रिसमस का जश्न मनाया जाता है.

नागालैंड में भी क्रिसमस मनाया गया.नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ट्वीट किया, 'हमें प्यार करने और अपने इकलौते बेटे को भेजने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया जाए. वह दुनिया की रोशनी हैं, वह रोशनी जो हमें प्यार, विश्वास और आशा से भर देती है. मैं शुभकामना देता हूं. आप सभी को मेरी क्रिसमस.'

केरल में क्रिसमस की धूम :केरल में ईसाई समुदाय ने रविवार को धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार मनाया, जिसमें कुछ वरिष्ठ बिशप और पादरियों ने विझिंजम में मध्यरात्रि की प्रार्थना सभा में मछुआरों की दुर्दशा, बफर जोन और राज्य में सांप्रदायिक गतिविधियों जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला. उत्सव आधी रात की सामूहिक प्रार्थना के साथ शुरू हुआ, जो राज्य भर के गिरजाघरों में आयोजित की गई, जहां बिशप और पादरियों ने अपनी-अपनी सभाओं को क्रिसमस का संदेश दिया.

राज्य की राजधानी में सिरो मालंकारा कैथोलिक चर्च के सेंट मैरी कैथेड्रल में कार्डिनल मार बेसेलियोस क्लीमिस ने आधी रात की प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया, वहीं सिरो मालाबार कैथोलिक चर्च के कार्डिनल मार जॉर्ज एलनचेरी ने कोच्चि में प्रार्थना सभा का संचालन किया.

एलनचेरी ने अपने क्रिसमस संदेश में कहा कि अगर लोग सांप्रदायिकता के आगे घुटने टेक दें और एक-दूसरे से दूर रहें, तो 'इससे उन्हें ही नुकसान होगा.' उन्होंने कहा, 'हम सभी को एकजुट और सद्भाव में एक साथ खड़े होना है.'

तिरुवनंतपुरम के लैटिन कैथोलिक आर्चडाइअसीस के आर्कबिशप थॉमस जे. नेट्टो ने भी अपने क्रिसमस संदेश में उन मछुआरों की दुर्दशा का उल्लेख किया, जिन्होंने निर्माणाधीन समुद्री बंदरगाह के खिलाफ विझिंजम में विरोध-प्रदर्शन किया था. उन्होंने कहा, 'विकास के नाम पर जो गोदामों में रह रहे हैं, उन्हें भी हमें याद रखना चाहिए.'

अपनी प्रार्थना सभा में कोझिकोड जिले के थमारसेरी डाइअसीस के बिशप रेमिगियोस इंचानानिइल ने मौजूदा बफर जोन के मुद्दे और विशेष रूप से राज्य के जंगलों तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंताओं को उजागर किया. उन्होंने कहा, 'लोग इस डर में जी रहे हैं कि उन्हें उनके घरों से बेदखल कर दिया जाएगा.'

तेलंगाना में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया क्रिसमस :तेलंगाना में रविवार को क्रिसमस का पर्व गिरजाघरों में पारंपरिक उत्साह, धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं भी आयोजित की गयीं. राजधानी हैदराबाद समेत राज्य के विभिन्न शहरों के गिरजाघरों में शनिवार आधी रात को आयोजित प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. गिरजाघरों में रविवार को विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया और लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी.

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाईं सुंदरराजन ने क्रिसमस के अवसर पर ईसाई समुदाय और राज्य के लोगों को बधाई दी. राजभवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यपाल ने कहा कि क्रिसमस प्रभु यीशु के जन्म का जश्न मनाने और उनके आदर्शों को संजोने की खुशी का एक अवसर है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य और देश के लोगों को क्रिसमस की बधाई दी.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, राव ने कहा कि शांति, करुणा, सहिष्णुता और प्रेम के मूल्यों को दुनिया भर में फैलाने वाले ईसा मसीह की शिक्षाओं ने सार्वभौमिक रूप से मानव में भाईचारे की भावना को बढ़ाने में योगदान दिया है. लोगों ने अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया और इस अवसर पर शहर के गिरजाघरों, रेस्तरां भी जगमगा उठे.

ओडिशा के कलाकार ने कांच की बोतल में ईसा मसीह की लघु प्रतिकृति बनाई :ओडिशा में खुर्दा जिले के जटनी के रहने वाले एल ईश्वर राव ने कांच की एक बोतल में ईसा मसीह की लघु प्रतिकृति बनाई है.राव ने 750 मिलीलीटर की बोतल में सलीब के साथ ईसा मसीह की चार इंच ऊंची तथा दो इंच चौड़ी मूर्ति बनाई है. उन्होंने बोतल में सलीब पर लटके ईसा मसीह, उनके आसपास दो क्रिसमस पेड़ और इसके साथ लिखा मैरी क्रिसमस. राव ने इस प्रतिकृति के लिए चॉक, शीशे और ग्लिटर पेपर का इस्तेमाल किया है. उन्हें यह लघु प्रतिकृति बनाने में सात दिन का समय लगा.

राव (40) पिछले 25 साल से इस तरह की कलाकृतियां बना रहे हैं. वह पेंसिल की निब और साबुन पर लघु कृति बनाते हैं और तथा इन्हें एक बोतल में पेश करते हैं. इससे पहले उन्होंने महिला दिवस और हॉकी विश्वकप के दौरान पेंसिल की नोंक पर एक महिला और हॉकी विश्वकप की प्रतिकृति बनाई थी.

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(इनपुट एजेंसियां)

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