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Golden Jubilee of Catholic Church Diocese: कैथोलिक आर्च डायसिस की गोल्डन जुबली, क्या ये ईसाई समाज का शक्ति प्रदर्शन था ?

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा थमा नहीं है. लगातार पक्ष और विपक्ष के बीच धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच रायपुर के अमलीडीह स्थित कैथोलिक आर्च डायसिस के 50 साल पूरे हो गए. ऐसे में मसीही समाज ने इस खास दिन को गोल्डन जुबली के तौर पर मनाया है. खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में मसीही समाज के अलग-अलग धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष के साथ ही देश विदेश से भी लोग पहुंचे. इसके अलावा प्रदेशभर से बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग पहुंचकर एक तरह से शक्ति प्रदर्शन भी दिखाया. क्योंकि ईसाई समाज पर धर्मांतरण को लेकर लगातार कथित तौर पर आरोप लगता रहा है.Arch diocese of Raipur golden jubilee

Golden Jubilee of Catholic Church Diocese
आर्च डायसिस का स्वर्ण जयंती सम्मेलन

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Published : Feb 8, 2023, 10:05 PM IST

आर्च डायसिस का स्वर्ण जयंती सम्मेलन

रायपुर:छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के नाम पर कई जगहों में हिंसक घटनाएं घटी है. जनवरी महीने के शुरुआती दिनों में बस्तर में हिंसक प्रदर्शन भी देखने को मिला. उसके बाद लगातार छत्तीसगढ़ में ईसाई समाज भी काफी मुखर नजर आ रहा है. बुधवार को कैथोलिक आर्च डायसिस के पूरे होने पर खास आयोजन रायपुर में किया गया. यहां कैथोलिक आर्च डायसिस के 50 साल पूरे होने पर देशभर से 20 धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष पहुंचे. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि ईसाई समाज ने इस कार्यक्रम के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया, लेकिन समाज प्रमुखों ने इन बातों से इनकार किया और कहा कि यह सिर्फ कैथोलिक आर्च डायसिस के 50 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम हुआ है.


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क्या कहते हैं राजनीतिक जानकर:वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकर मृगेंद्र पांडे कहते हैं कि " छत्तीसगढ़ में पहली बार ईसाई समाज का ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ है. जिसमें 20 जगहों के बिशप पहुंचे. बड़ी संख्या में ईसाई समाज के लोग भी शामिल हुए हैं. जिस तरह से कार्यक्रम हुए हैं. उससे यह बात कहने कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह शक्ति प्रदर्शन है. चूंकि चुनावी साल है. मिशनरियों ने सीएम भूपेश समेत बीजेपी नेताओं को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, लेकिन बीजेपी से कोई नेता नहीं पहुंचा. ईसाई समाज इस आयोजन के माध्यम से यह बताना चाहते होंगे कि प्रदेश में हमारी भी संख्या बल अधिक है. धर्मांतरण को लेकर ईसाई समाज को घेरा जाएगा तो उसका जवाब चुनाव में दिया जा सकता है. हालांकि मिशनरी कांग्रेस का वोट बैंक है. यह बात सभी जानते हैं."


सीएम ने ईसाई समाज की तारीफ की :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में ईसाई समाज ने शिक्षा, स्वास्थ और सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है. जब शिक्षण संस्थाओं का अभाव था, तब मसीही समुदाय ने स्कूल और हॉस्टल खोले. ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया. स्वास्थ्य और मानवता की सेवा के क्षेत्र में समाज द्वारा अनुकरणीय कार्य किए गए. कुष्ठ रोग पीड़ितों के इलाज के लिए ईसाई समाज ने अभनपुर, बैतलपुर समेत कई स्थानों पर अस्पताल और डिस्पेंसरी खोलें."

उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु और संत माता मरियम की दया, करुणा, सेवा, क्षमा, प्रेम, त्याग की शिक्षा का यह समाज प्रचार-प्रसार कर रहा. वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी समाज के लोगों ने मानवता की सेवा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

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