हैदराबाद: 14 नवंबर को, एक 28 वर्षीय युवक द्वारा अपनी प्रेमिका के शरीर को 35 टुकड़ों में काटकर दिल्ली के कई हिस्सों में ठिकाने लगाने से देश स्तब्ध था, जाहिर तौर पर युवा पीढ़ी की संवेदनशीलता पर सवाल उठा रहा था, लेकिन पिछले सात दिनों में देश के कोने-कोने में भी प्रेम के कई बिंदु खिले हैं, जो इस विश्वास को जगाते हैं कि हम जीवन के इस समुद्र में बंधे नहीं हैं, बल्कि एक ही महाद्वीप के हिस्से हैं.
जब आफताब अमीन पूनावाला, श्रद्धा वाकर के साथ अपने चार साल के रिश्ते के सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहा था, खून के धब्बे धो रहा था और उसके शरीर के अंगों को हटा रहा था, लगभग उसी समय असम के एक गैर-वर्णित गांव में एक युवक बिटुपन तमुली की शादी उसकी मृत प्रेमिका प्रार्थना बोरा से हो रही थी, जिसकी गुवाहाटी के एक अस्पताल में अचानक बीमारी में मृत्यु हो गई. 27 वर्षीय युवक ने मृत युवती के माथे पर सिंदूर लगाने के बाद उसके गले में सफेद माला डाल दी.
युवक ने फिर एक और माला ली और उसके कई हिस्सों को छुआ और फिर उसे पहन लिया. शादी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए रस्म को चिह्नित किया. आफताब जहां प्यार की निशानियों को मिटाने की कोशिश कर रहा था, वहीं बिपुतान अपने आठ साल के रिश्ते को कायम रखने की कोशिश कर रहा था. वहीं दूसरी ओर यदि आफताब-श्रद्धा प्रेम कहानी विश्वासघात और छल की एक दु: खद कहानी को दर्शाती है, तो वहीं पश्चिम बंगाल की ऐन्द्रिला-सब्यसाची प्रेम कहानी देखभाल और स्नेह का एक अल्पकालिक किस्सा है.