कोलकाता :संदिग्ध चीनी जासूस हान जुनबे (Han Junbe's) का बांग्लादेश (Bangladesh) के अलावा नेपाल (Nepal)और भूटान (Bhutan) में सक्रिय नेटवर्क बनाने में सक्रिय था.
यह बातें मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताईं. साथ ही जांच अधिकारी हान के हैकिंग लक्ष्य के विभिन्न बिंदुओं को जोड़कर जानने की कोशिश कर रहे हैं, इसमें रक्षा मंत्रालय के लिए आउटसोर्स असाइनमेंट का कार्य करने वाली एक निजी फर्म बेंगलुरु स्थित अल्फा डिजाइन हो सकती है.
हान फिलहाल पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) की हिरासत में है. हालांकि कि पिछले कुछ दिनों से हान से हुई गहन पूछताछ में कुछ अहम सुराग मिले हैं जिनसे पता चलता कि वह बांग्लादेश के अलावा नेपाल और भूटान में भी अपना नेटवर्क स्थापित करने में सक्रिय था. इसके चलते वह कई बार इन दोनों देशों की यात्रा कर चुका था.
इस संबंध में राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसी संभावना है कि हान बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में भूमिगत आतंकवादी समूहों के साथ संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा था.
यह भी पढ़ें -दरभंगा बम ब्लास्ट का कश्मीर से जुड़ा कनेक्शन, जेल में बंद जावेद से पूछताछ करेगी ATS
साथ ही, हान की पूछताछ से प्राप्त इनपुट से सवाल सामने आए हैं कि देश की रक्षा और सुरक्षा सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों की वेबसाइट ऐसे साइबर-विशेषज्ञ जासूसों द्वारा हैकिंग से कितनी दूर हैं. जांच करने वाले अधिकारियों को संदेह है कि हान का अगला हैकिंग लक्ष्य बेंगलुरू स्थित अल्फा डिजाइन था, जो रक्षा मंत्रालय के लिए आउटसोर्स असाइनमेंट से निपटने वाली एक निजी फर्म थी.
पेशे से एथिकल हैकर मोहम्मद रजा ने बताया कि कैसे इन महत्वपूर्ण संगठनों की वेबसाइटों की सुरक्षा की जा सकती है. उनका कहना है कि इनमें से प्रत्येक संगठन, जो सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं या रक्षा मंत्रालय द्वारा आउटसोर्स किए गए हैं, इनको नियमित आधार पर अपनी वेबसाइटों के लिए हैकिंग रोधी सुरक्षा को अपडेट करने के लिए कई विशिष्ट साइबर विशेषज्ञों को नियुक्त करना चाहिए.
रजा ने कहा कि अगर इन वेबसाइटों के डिजिटल सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है तो हैकिंग का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इस बीच, जांच अधिकारी उसके आई-फोन का पासवर्ड लॉक अनलॉक करने में सफल रहे हैं. हालांकि, उन्हें अभी तक हान के हाई-एंड लैपटॉप के लिए इसे अनलॉक करने में सफलता नहीं मिली है.
सूत्रों ने बताया कि उसका मोबाइल खुलने के बाद यह खुलासा हुआ है कि वह अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय नंबरों पर कॉल या व्हाट्सएप संदेश भेजता था. इस दौरान वह अंग्रेजी और मंदारिन दोनों भाषाओं में बातचीत करता था. साथ ही उसने कई ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं उसके मोबाइल में सेव किए गए कुछ नंबर नेपाल में पंजीकृत हैं.