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चीन में बच्चों को सिर्फ दो घंटे मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की इजाजत ! भारत में कब बनेगा ऐसा नियम ? - मोबाइल बैन

चीन में 18 साल से कम आयुवर्ग के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन बनाने की तैयारी चल रही है. वहां की साइबरस्पेस वॉचडॉग हाल के वर्षों में युवाओं में निकट दृष्टि दोष और इंटरनेट की लत बढ़ने के बारे में चिंतित हैं. उसने सलाह दी है कि 18 साल से कम के युवाओं को सिर्फ दो घंटे ही स्मार्टफोन यूज करने की इजाजत दी जाए. पढ़ें पूरी खबर.

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मोबाइल बैन

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Published : Aug 3, 2023, 5:57 PM IST

नई दिल्ली :दुनियाभर केबच्चों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है, जिसकी वजह से वह इसके आदी होते जा रहे हैं. बच्चों की जिद पूरी करने के लिए, और खास तौर पर अपनी व्यस्तता के कारण माता-पिता भी आसानी से उन्हें मोबाइल फोन उपलब्ध करा रहे हैं. चीन ने इस पर चिंता जताई है. भारत की बात करें तो यहां अभी इस पर कोई खास कदम नहीं उठाया जा रहा है. बच्चों के स्मार्टफोन इस्तेमाल के लिए कोई नियम ही नहीं है. हां कुछ एप के लिए कंपनियां पूछती जरूर हैं कि आप 18 साल से कम हैं या ज्यादा. इस पर भी आपके जवाब का कोई वेरिफिकेशन नहीं होता है.

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चीन के साइबरस्पेस वॉचडॉग ने बच्चों के स्मार्टफोन के उपयोग को दिन में सिर्फ दो घंटे तक ही सीमित करने की सलाह दी है. यदि दिशानिर्देशों को अपेक्षित रूप से अपनाया जाता है, तो चीन स्मार्टफोन के उपयोग में बच्चों के लिए दुनिया के कुछ सबसे सख्त नियम पेश करेगा. यानि वॉचडॉग की सलाह मानी गई तो चीन के बच्चे दिन में सिर्फ दो घंटे ही मोबाइल का इस्तेमाल कर पाएंगे (Chinese plans to limit smartphone use for children).

माइनर मोड शुरू करने की तैयारी :चीन के साइबरस्पेस वॉचडॉग ने बच्चों द्वारा स्मार्टफोन के उपयोग को दिन में दो घंटे तक सीमित करने और प्रतिबंधों को सक्षम करने के लिए सभी तकनीकी कंपनियों को 'माइनर मोड' शुरू करने की आवश्यकता बताई है.

इस संबंध में लोगों की राय भी मांगी गई है.'मोबाइल इंटरनेट के माइनर मोड के निर्माण के लिए दिशानिर्देश' पर लोगों से राय मांगी गई है. 2 सितंबर तक कोई भी इस पर अपनी राय दे सकता है.

प्रस्तावित दिशानिर्देश पांच अलग-अलग आयु वर्ग के लिए : चीन के साइबरस्पेस वॉचडॉग ने प्रतिबंधों का सुझाव देते समय आयुवर्ग का भी ध्यान रखा है. उसने तीन वर्ष से कम के बच्चों के लिए सलाह दी है. इसी तरह 3 से 8, आठ से 12, बारह से सोलह और 16 से 18 वर्ष आयुवर्ग के लिए भी उसने सुझाव दिए हैं. आठ वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए 'माइनर मोड' लागू हो सकता है, जिसके तहत रोज दिन केवल 40 मिनट की ही अनुमति मिलेगी.

तीन साल से कम के लिए सिर्फ ऑडियो कंटेंट, यानि सिर्फ सुन सकेंगे बच्चे :3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए दिशानिर्देशों में कहा गया है, 'ऑनलाइन इंटरनेट प्रदाताओं को बच्चों के गाने, ज्ञानवर्धक शिक्षा और अन्य अभिभावक-बाल साहचर्य कार्यक्रमों की सिफारिश करनी चाहिए, और उन्हें इसे ऑडियो के माध्यम से चलाने की अनुशंसा की गई है.'

16 से 18 साल वाले भी रात 10 से सुबह छह बजे तक नहीं इस्तेमाल कर पाएंगे मोबाइल : साइबरस्पेस वॉचडॉग की सलाह पर चीन सरकार ने फैसला किया तो 16-18 आयु वर्ग को भी मोबाइल इस्तेमाल की इजाजत सिर्फ दो घंटे होगी. उन्हें भी माइनर मोड दिया जाएगा. माइनर मोड के तहत 'रात 10 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक नाबालिगों को सेवाएं प्रदान करने से प्रतिबंध रहेगा.'

नियम पालन कराने के लिए कंपनियां भी होंगी जिम्मेदार :इसकी जिम्मेदारी तकनीकी कंपनियों पर भी पड़ने की संभावना है, जिन्हें अधिकारियों को नियमित डेटा उपलब्ध कराना होगा और उनकी नियमित जांच की जाएगी.

ऑनलाइन गेमिंग के लिए बने थे नियम :कंपनियों को ऐसे प्रतिबंधों का अनुपालन करने के लिए 2021 में बनाए गए नियमों का हवाला दिया गया है. तब अधिकारियों ने बच्चों के ऑनलाइन गेम को प्रतिबंधित करने के लिए नए नियम बनाए थे. सर्विस प्रोवाडर को 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए केवल एक घंटे की सेवा की अनुमति देने के लिए मजबूर किया गया था. इसमें भी ये लिमिट शुक्रवार और सप्ताहांत में रात 8 से 9 बजे के बीच सीमित थी. सभी गेमर्स को वास्तविक नाम पंजीकरण और पहचान प्रदान करने की आवश्यकता के साथ ही समय सीमा भी लागू की गई है.

हालांकि चीन के इस कदम से देश की ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के राजस्व पर असर पड़ा, जो देश भर में युवा गेमर्स की बड़ी संख्या के परिणामस्वरूप बेहद लाभदायक व्यवसाय बन गया था. लेकिन, इसने चीनी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करने और विदेशी कंपनियों के साथ कंटेंट विकसित करने के लिए भी प्रेरित किया.

इन कदमों से चीन-आधारित मोबाइल गेम निर्माताओं को विदेशी मोबाइल गेम बाजार में अपनी कुल बाजार हिस्सेदारी 2017 में 10% से कम से बढ़ाकर 2022 के अंत तक 22% करने में मदद मिली. एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक हिस्सेदारी 30% तक बढ़ सकती है.

मोबाइल बैन लागू कराना आसान नहीं : हालांकि मोबाइल यूज संबंधी इन प्रतिबंधों को लागू कराना आसान नहीं होगा. मसौदे में कहा गया है कि माता-पिता को माइनर मोड पर साइन करना होगा और देश भर में दिशानिर्देश लागू होने के बाद अभियान का समर्थन करने के लिए कहा जाएगा. माइनर मोड को माता-पिता को यह प्रबंधित करने के लिए एक उपकरण प्रदान करने के रूप में देखा जा रहा है कि उनके बच्चे गैजेट्स का उपयोग कैसे करते हैं.

नियमों को लागू कराने को लेकर कुछ सवाल अस्पष्ट हैं. लेकिन ये दिशानिर्देश अधिकारियों द्वारा युवाओं के बीच अनियंत्रित डिजिटल लत को रोकने के लिए प्रयास जरूर है.

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