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China's map dispute : चीन पर शशि थरूर ने जयशंकर का किया समर्थन, लेकिन दागे तीखे सवाल - Tharoor asked sharp questions to Foreign Minister

पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी चीन की सरकार द्वारा अपना मानक मानचित्र 2023 जारी करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताया है. पढ़ें पूरी खबर...

Chinas map dispute
शशि थरूर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 10:24 AM IST

नई दिल्ली: चीन के मानक मानचित्र 2023 को जारी करने पर उठे विवाद के बाद विपक्षी दल केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हो गये हैं. विपक्षी दल लगातार इस मसले पर सरकार पर अपना रूख स्पष्ट करने का दबाव बना रहे हैं. इसी क्रम में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. पोस्ट में उन्होंने सरकार से तीखे सवाल किये हैं.

कांग्रेस सांसद ने अपने पोस्ट में इससे संबंधित खबर की लिंक शेयर करते हुए कहा कि इसलिए हमने चीन पर नवीनतम आक्रोश जताते हुए अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताने वाला एक और नक्शा जारी करने का विरोध किया है. उन्होंने लिखा कि हां, डॉ जयशंकर सही हैं, यह उनकी (चीन की) 'पुरानी आदत' है. हमारे विरोध को नजरअंदाज करना भी उनकी आदत है.

उन्होंने एक्स पर लिखा कि तो क्या हम इसे वहीं छोड़ देंगे? क्या हम अपनी नाराजगी दिखाने के लिए और कुछ नहीं कर सकते? हम तिब्बत से आने वाले चीनी पासपोर्ट धारकों को स्टेपल वीजा जारी करना क्यों शुरू नहीं करते? उन्होंने लिखा कि हम एक चीन नीति के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करना बंद क्यों ना कर दें?

बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी कहा कि भारत के हिस्सों को चीन अपना बता रहा है. यह चिंता जनक बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर बोलना चाहिए. इससे पहले, चीन ने सोमवार को अपना मानक मानचित्र 2023 जारी किया. भारत ने मंगलवार को जारी नवीनतम मानचित्र पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया, इस मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन ने अपना क्षेत्र बताया है.

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विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा कि हमने आज चीन के तथाकथित मानक मानचित्र 2023 पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह मानचित्र भारत के क्षेत्र पर दावा करता है. हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि उनका कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से उठाये गये ऐसे कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनायेंगे.

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