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Published : Apr 17, 2022, 5:27 PM IST

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लद्दाख में भारतीय सीमा के पास चीनी मोबाइल टावर, पार्षद ने जताई चिंता

लद्दाख के चुशुल में पार्षद कोंचोक स्टेनजिन (Chushul Councillor Konchok Stanzin) ने कहा है कि चीन के गर्म पानी के झरने के पास 3 मोबाइल टावर लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि यह स्थान भारतीय क्षेत्र के बहुत करीब है. कोंचोक स्टेनजिन ने चीनी मोबाइल टावर के संबंध में ट्वीट किए हैं.

China installs mobile towers
China installs mobile towers

नई दिल्ली : लद्दाख में एक पार्षद ने दावा किया है कि चीन भारतीय सीमा के पास तेजी से संरचनाओं का विकास कर रहा है. चुशुल में पार्षद कोंचोक स्टेनजिन (Chushul Councillor Konchok Stanzin) ने एक ट्वीट में लिखा, पैंगोंग झील पर पुल को पूरा करने के बाद, चीन ने हॉट स्प्रिंग्स के पास 3 मोबाइल टावर (Chinese mobile towers near hot springs) लगाए हैं. उन्होंने कहा, मैं सरकार से अपील करना चाहता हूं कि हमें चीन के जवाब देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत को भी अधिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चाहिए क्योंकि चीन ने पहले नागरिकों को बसाने की कोशिश की और फिर इसे सैनिकों को सौंप दिया.

लद्दाख के चुशुल में पार्षद कोंचोक स्टेनजिन ने शनिवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, 'पैंगोंग झील पर पुल को पूरा करने के बाद, चीन ने भारतीय क्षेत्र के बहुत करीब चीन के गर्म पानी के झरने के पास 3 मोबाइल टावर लगाए हैं.' उन्होंने कहा, 'क्या यह चिंता का विषय नहीं है? हमारे पास मानव बस्ती गांवों में 4जी सुविधाएं भी नहीं हैं. मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 11 गांवों में 4जी सुविधाएं नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि हमें चीन की गतिविधियों को गंभीरता से लेना चाहिए. भारत के अधिकतम सीमावर्ती गांवों में 4 जी इंटरनेट नहीं है , हम संचार में पीछे हैं.'

स्टैनजिन ने भारतीय सीमा के पास कथित चीनी बुनियादी ढांचे की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं. उनके दावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं अपने लोगों के लिए आवाज उठा रहा हूं, चीन ने अपने बुनियादी ढांचे की गति बढ़ा दी है, हाल ही में उन्होंने पैंगोंग पर एक पुल का शुभारंभ किया है और अब हाल ही में उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स में तीन टावर बनाए हैं. उन्होंने आशंका जताई है कि इनका ड्रोन के लिए उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र या संचार की निगरानी के लिए चीन हॉट स्प्रिंग्स में लगाए गए मोबाइल टावरों का इस्तेमाल कर सकता है,

गौरतलब है कि फरवरी में, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने लोक सभा में कहा था, सरकार पैंगोंग झील पर चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल से अनजान नहीं है. उन्होंने कहा था, इस पुल का निर्माण उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में हैं.

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