नई दिल्ली :चीन के सहायक विदेश मंत्री वू जियानघाओ और भूटान के विदेश मंत्री ल्योंपो टांडी दोरजी के बीच 'थ्री-स्टेप रोडमैप' समझौता 15 अक्टूबर, 2021 को हुआ था. इस समझौते का विवरण उजागर नहीं हुआ है. ऐसे में चीन के डोकलाम पठार के दक्षिण-पूर्व में 'मध्यम रूप से समृद्ध' 'दोहरे उपयोग' वाला गांव- 'जियाओकांग' बसाया जाना इस बात का संकेत हो सकता है कि चीन रिज पर नियंत्रण हासिल करने की ताक में है.
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जामफेरी रिज एक भौगोलिक भूभाग है. जो चिकन्स नेक या सिलीगुड़ी कॉरिडोर के उत्तर-पूर्वोत्तर में लगभग 500 मीटर की दूरी पर है. आमतौर पर चीनी रणनीति कब्जा करने की मानी जाती है. अक्सर ऐसी स्थिति बन जाती है जब प्रतिद्वंद्वी दावेदारों को अंततः चीन के पक्ष में नई बदली हुई यथास्थिति को स्वीकार करना पड़ता है. ऐसे में यह 'सलामी-स्लाइसिंग' (salami-slicing) विवादित क्षेत्र पर धीरे-धीरे कब्जा करने की नीति को दर्शाता है.
चीन ने भूटान क्षेत्र में बसाए नए गांव
सैटेलाइट इमेजरी ने मंगलवार को इंटेल लैब के एक स्वीकृत शोधकर्ता ने ट्वीट किया, 'ये तस्वीरें डोकलाम के पास भूटान और चीन के बीच विवादित भूमि के बीच 2020-21 में निर्माण गतिविधि को दर्शाती हैं. लगभग 100 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले कई नए गांव अब परिदृश्य को देखते हैं. क्या यह एक नए समझौते या चीन के क्षेत्रीय दावों के प्रवर्तन का हिस्सा है?'
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है ये क्षेत्र
डोकलाम भारत, चीन और भूटान के बीच त्रि-जंक्शन पर एक पठार और एक घाटी से युक्त 100 वर्ग किमी का क्षेत्र है. यह तिब्बत की चुंबी घाटी, भूटान की ही घाटी और भारतीय राज्य सिक्किम से घिरा हुआ है. यह क्षेत्र भारत-भूटान-चीन ट्राइजंक्शन के पास स्थित डोकलाम (Doka La) पठार के बहुत करीब है, जहां 2017 में 73 दिनों तक चीनी सैनिकों की तैनाती की बराबरी करते हुए भारत के सैनिक डटे रहे थे. चीन के हाल ही में 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होने के लिए एक व्यापक सीमा कानून तैयार करने की पृष्ठभूमि में यह घटनाक्रम मायने रखता है.