लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक ने सोमवार को कहा कि चीन इस सदी में ब्रिटेन और दुनिया की सुरक्षा और समृद्धि के लिए 'सबसे बड़ा खतरा' है और इस बात के सबूत हैं कि उसने अमेरिका, भारत समेत कई देशों को निशाना बनाया है. पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) ने प्रधानमंत्री चुने जाने पर तकनीकी क्षेत्र में चीन के दबदबे से बचाव के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की तरह 'स्वतंत्र राष्ट्रों' के एक नए सैन्य गठबंधन के गठन सहित कई योजनाएं शुरू करने की बात कही.
कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व पद के लिए मुकाबले में शामिल सुनक ने कहा, 'मैं ब्रिटेन में चीन के सभी 30 कन्फ्यूशियस संस्थानों को बंद कर दूंगा, जो दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या में यहां हैं.' कन्फ्यूशियस संस्थान चीनी सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं और संस्कृति तथा भाषा के केंद्र की तरह काम करते हैं, लेकिन पश्चिमी देशों और चीन के तनावपूर्ण संबंधों के बीच आलोचकों का दावा है कि ये संस्थान प्रचार के साधन हैं.
भारतीय मूल के सांसद सुनक ने कहा, 'चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस सदी में ब्रिटेन और दुनिया की सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं...चीन की तरफ से पैदा साइबर खतरों से निपटने के लिए मैं स्वतंत्र राष्ट्रों का एक नया अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाऊंगा और प्रौद्योगिकी सुरक्षा में बेहतरीन तौर-तरीके साझा करेंगे.'
'रेडी4ऋषि' प्रचार अभियान ने एक बयान में कहा, 'इस नए सुरक्षा गठबंधन के तहत ब्रिटेन साइबर सुरक्षा, दूरसंचार सुरक्षा और बौद्धिक संपदा की चोरी को रोकने पर अंतरराष्ट्रीय मानकों और मानदंडों को प्रभावित करने के प्रयासों का समन्वय करेगा.' नार्थ यॉर्कशायर में रिचमंड के सांसद सुनक ने चीन पर ब्रिटेन की प्रौद्योगिकी को चुराने और विश्वविद्यालयों में पैठ बनाने का आरोप लगाते कहा कि चीन यूक्रेन में हमलों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का साथ दे रहा है, शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को अपने हित में करने का प्रयास कर रहा है.