बीजिंग :चीन ने 4 फरवरी से शुरू हो रहे विंटर ओलंपिक में गलवान में भारत के साथ हुए संघर्ष की छाप छोड़ दी है. उसने क्यूई फैबाओ नाम वाले एक पीएलए रेजिमेंट कमांडर को मशाल रिले के दौरान ओलंपिक मशाल दी. चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट में लिखा है कि गलवान में बहादुरी के साथ लड़ने वाले पीएलए रेजिमेंट कमांडर ने रिले के दौरान टार्च संभाला. क्यूई फैबाओ को भारत के साथ गलवान घाटी सीमा की झड़प में बहादुरी से लड़ते हुए सिर में चोट लगी थी. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इस ओलंपिक मशाल के साथ 1200 मशालधारकों ने दौड़ लगाई है. 4 फरवरी को नेशनल स्टेडियम में इसे जलाया जाएगा, इसके बाद बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी.
बता दें, गलवान सीमा पर दोनों देशों के बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच 14वें दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है. भारत और चीन ने इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए एक अच्छा रास्ता तैयार किया है. जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2022 को लागू हुए नए सीमा कानून के मुताबिक मशाल थामने के लिए कर्नल क्यूई की नियुक्ति हुई है. इसका उपयोग भारत के साथ सीमा विवाद को प्राथमिकता देने के अलावा देशभक्ति की भावनाओं को फैलाने के लिए किया जा रहा है.वहीं, नए सीमा कानून के अनुच्छेद 11 के अनुसार राज्य भूमि सीमाओं पर प्रचार और शिक्षा को मजबूत करना, चीनी राष्ट्र के समुदाय की मजबूत भावना का निर्माण, मातृभूमि की एकता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में चीनी राष्ट्र की भावना को आगे बढ़ाना और नागरिकों की राष्ट्रीय अवधारणा और मातृभूमि सुरक्षा जागरूकता को बढ़ाना, चीनी राष्ट्र के लिए एक सामान्य आध्यात्मिक घर का निर्माण करना शामिल है.
यह मशाल एथेंस से आई है, जिससे चीन अपनी ओलिंपिक मशाल जलाएगा. 19 अक्टूबर को 2021 को एथेंस (ग्रीस) के पैनाथेनिक स्टेडियम में आयोजित समारोह में विंटर ओलंपिक के आयोजक चीन को ओलंपिक मशाल सौंपी गई थी.