रायपुर:कोरोना संक्रमण काल में अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों के लिए राज्य सरकार ने महतारी दुलार योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ स्कॉलरशिप देने का वादा किया गया था. इस योजना के तहत प्रदेश में 5982 पात्र विद्यार्थियों का चयन किया गया था. लेकिन इनमें से बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं, जो पिछले 2 सालों से छात्रवृत्ति पाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विद्यार्थियों का सर्वे कराया जा रहा है. not getting benefit of Mahtari Dular Yojana
क्या कहना है प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का:इस मामले पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि" प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में 3727 छात्रों ने कोरोना काल के दौरान अपने माता पिता को खो दिया था. राज्य सरकार के निर्देश पर प्राइवेट स्कूलों की तरफ से ऐसे छात्रों को स्कूल से बाहर नहीं निकाला गया और इस संबंध में विभाग को भी जानकारी दी गई थी, पिछले 2 सालों से इन विद्यार्थियों की स्कूल फीस जमा नहीं हुई है. इस संबंध में एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी जानकारी दी है. लेकिन अभी तक पात्र छात्रों की लिस्ट नहीं भेजी गई है जिसके कारण प्राइवेट स्कूलो को भी परेशानियां हो रही है.reality of Mahtari Dular scheme
2866 विद्यार्थियों को मिला एक बार योजना का लाभ: महतारी दुलार योजना के तहत प्रदेश के 5982 विद्यार्थियों का चयन किया गया था. इनमें से 2866 विद्यार्थियों को सिर्फ एक बार ही योजना का लाभ मिल पाया, इनमें स्कूल फीस के साथ साथ कक्षा पहली से आठवीं तक 500 कक्षा नौवीं से बारहवीं तक हजार रुपये 10 माह के लिए स्कॉलरशिप देनी थी..
क्या कहना है स्कूल शिक्षा विभाग: इस मामले पर स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक सुनील कुमार जैन का कहना है कि "महतारी दुलार योजना के तहत 5982 छात्रों का चयन किया गया था. इनमें से 2865 छात्रों को योजना का लाभ दिया गया है. शेष बचे छात्रों का सर्वे किया जा रहा है. सर्वे पूरा होते ही जल्द और छात्रों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा."
ऐसे मिलता है योजना का लाभ:ऐसे विद्यार्थी जिनके माता-पिता दोनों का कोरोना संक्रमण में निधन हो गया है, ऐसे विद्यार्थी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन करेंगे ,आवेदन का सत्यापन कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई समिति सत्यापन करने का काम करेगी, सत्यापन के बाद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया जाएगा. अगर शादी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करते हैं तो स्कूल प्रबंधन के पास आवेदन जमा करना होगा और स्कूल प्रबंधन आवेदन को स्कूल शिक्षा विभाग तक पहुंचा सकता है.
क्या है महतारी दुलार योजना:छत्तीसगढ़ प्रदेश में रहने वाले बच्चे जिनके माता-पिता या परिवार के मुखिया का निधन कोरोना काल के दौरान हुआ है, उनके लिए सरकार ने महतारी दुलार योजना की शुरुआत की, इस योजना के तहत कक्षा पहली से 12वीं तक की पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाती है,इसके साथ ही उन बच्चों को स्कॉलरशिप के तहत 500 से 1000 तक की राशि हर माह देना सुनिश्चित किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मई 2021 में इस योजना की शुरुआत की है. इसके साथ ही प्रदेश में मौजूद स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में ऐसे बच्चों को प्राथमिकता से प्रवेश देने की योजना बनाई गई है.