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यूपी के इस स्कूल में ड्रेस के साथ इमोजी लगाकर आते हैं बच्चे, बिना बताए ही शिक्षक जान लेते हैं उनकी परेशानी

सोशल मीडिया पर आप अक्सर इमोजी का प्रयोग करते होंगे. इनके जरिए अपनी मनोदशा जाहिर करते होंगे. इसी तरह प्रयागराज के एक स्कूल में सभी बच्चे ड्रेस के साथ इमोजी लगाकर आते हैं. चार अलग-अलग इमोजी (Prayagraj Emoji Pattern School) के अलग-अलग मायने भी हैं.

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Published : Aug 18, 2023, 7:30 PM IST

Prayagraj Emoji Pattern School
Prayagraj Emoji Pattern School

इमोजी से बच्चों की मनोदशा का आसानी से अंदाजा लग जाता है.

प्रयागराज :दसवीं में पढ़ने वाले प्रज्ज्वल शुक्ला अपनी ड्रेस के साथ पीली इमोजी लगाकर स्कूल पहुंचे. इस इमोजी को देखकर टीचर समझ गए कि प्रज्ज्वल आज दुखी हैं. उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत है. इसी तरह हेड गर्ल ऋचा पांडेय ने हरे रंग की इमोजी लगा रखी थी. इससे अध्यापकों ने उनकी भी मनोदशा का अंदाजा लगा लिया. प्रज्जवल के साथ बैठकर अध्यापकों ने बातचीत की. विपरीत हालात में भी धैर्य बनाए रखने की सीख दी. शहर के एक स्कूल का इमोजी पैटर्न इन दिनों सुर्खियों में है. यहां सभी छात्र और छात्राओं को इमोजी लगाकर ही स्कूल आना होता है. इमोजी के कलर के हिसाब से ही टीचर उनके साथ व्यवहार भी करते हैं.

इमोजी के हैं अलग-अलग मतलब :सोशल मीडिया की दुनिया में इमोजी के जरिए लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं. प्रयागराज में ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल में इमोजी का प्रयोग खास अंदाज में किया जाता है. स्कूल में चार रंगों की अलग-अलग इमोजी हैं. सभी छात्र और छात्राओं को इनमें से किसी एक इमोजी को अपनी ड्रेस के साथ लगाकर आना होता है. स्कूल की प्रिंसिपल रविंदर बिरदी बताती हैं कि छोटे बच्चों से लेकर बारहवीं तक के बच्चों के लिए मूड के अनुसार इमोजी लगाकर आना अनिवार्य है. बच्चे जिस तरह की इमोजी लगाकर स्कूल आते हैं, उससे उनके मन की दशा और मूड के बारे में शिक्षक आसानी से समझ जाते हैं. लाल इमोजी गुस्से को प्रर्दिशत करता है, पीली इमोजी दुख का प्रतीक है, नीली इमोजी थकान को दिखाती है, जबकि हरे रंग की इमोजी लगाकर आने का मतलब छात्र या छात्रा आज बेहद खुश हैं. इमोजी के हिसाब से बच्चे की मनोदशा जानकर शिक्षक उनके साथ उसी हिसाब से व्यवहार भी करते हैं. दुखी और गुस्से की प्रतीक वाली इमोजी लगाकर आने वाले बच्चों से शिक्षक अलग से बात करते हैं.

सभी बच्चों को इमोजी लगाकर आना अनिवार्य है.

स्कूल ड्रेस के साथ इमोजी लगाकर आते हैं छात्र-छात्राएं :श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल में नई शिक्षा नीति के तहत गुरु और शिष्य में बेहतर तालमेल बनाने की अनोखी शुरुआत की गई है. इस प्रयोग का असर भी दिखाई देने लगा है. छात्र लाल या पीला इमोजी लगाकर स्कूल आता है तो शिक्षक सतर्क हो जाते हैं. छात्र से बात करके उसके गम या गुस्से का कारण जानते हैं. छात्र के साथ क्लास में ऐसा व्यवहार किया जाता है जिससे उसकी परेशानी कम हो सके. इसी तरह से ब्लू इमोजी से छात्र के थकान के बारे में जानकर शिक्षक उन्हें उसी हिसाब से होमवर्क देते हैं.

अलग-अलग इमोजी के अलग-अलग मायने.

छात्रों की होती है काउंसिलिंग :गुस्से के प्रतीक वाली लाल इमोजी या दुख के प्रतीक वाली पीली इमोजी लगाकर आने वाले छात्रों से टीचर उनकी परेशानी का कारण जानते हैं. ऐसे छात्रों की शिक्षक काउंसिलिंग भी करते हैं. अगर समस्या स्कूल की पढ़ाई या किसी शिक्षक, स्टाफ से जुड़ी हुई तो उसका समाधान तत्काल स्कूल में ही किया जाता है. अगर छात्र अपनी घर की समस्या की वजह से लाल या पीली इमोजी लगाकर स्कूल आता है तो अभिभावकों को बुलाकर इसकी जानकारी दी जाती है. स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि ज्यादातर बच्चे घर में डांट पड़ने या परिवार वालों से गुस्सा होने पर लाल या पीली इमोजी लगाकर स्कूल आते हैं. शिक्षक उनके मूड को भांपकर उनकी मनोदशा के हिसाब से व्यवहार करते हैं. नीली इमोजी लगाकर बार-बार या लगातार कोई बच्चा स्कूल आता है तो अभिभावक को बताया जाता है कि बच्चा थकावट महसूस कर रहा है. डॉक्टर की सलाह लें.

इमोजी के जरिए शिक्षक उनकी मनोदशा समझ जाते हैं.

डायरी में इमोजी के बारे में है विस्तृत वर्णन :काउंसलर शिक्षक ज्ञान प्रकाश दुबे ने बताया कि स्कूल में डायरी में एक पेज पर लाल, पीली, हरी, नीली चारों प्रकार की इमोजी की तस्वीरें बनी हैं. इनके मतलब भी बताए गए हैं. इससे अभिभावकों को भी पता रहता है कि बच्चा किस वजह से कौन से इमोजी का प्रयोग कर रहा है. इससे वे भी अपने बच्चों की मनोदशा समझ कर समस्या का समाधान कर सकेंगे. वहीं छात्र प्रज्ज्वल शुक्ला और हेड गर्ल ऋचा पांडेय ने बताया कि इमोजी के जरिए वे आसानी से अपने मनोभाव को बिना कुछ बताए ही आसानी से व्यक्त कर देते हैं. इससे टीचर उनके मूड को भांप जाते हैं. इसके बाद शिक्षक बातचीत के जरिए फिर से उनका मूड अच्छा बना देते हैं.

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