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सावधान ! बच्चे हो रहे कोरोना के शिकार, इलाज से ज्यादा सावधानी की दरकार

कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में नए मामले एक दिन में 4.12 लाख से अधिक पहुंच गए हैं. कोरोना संक्रमण की ये रफ्तार खतरे की घंटी तो है लेकिन सबसे बड़ा डर बच्चों में फैल रहे संक्रमण का है. इस बार की लहर में बच्चों में कोरोना संक्रमण ज्यादा होने से परिजनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. आखिर क्यों हो रहे हैं बच्चे संक्रमित, बच्चों में कौन से लक्षण दिखने पर अभिभावकों को सावधान होने की जरूरत है और बच्चों में लक्षण दिखने पर क्या करें. पढिए पूरी खबर

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Published : May 6, 2021, 5:08 PM IST

Updated : May 6, 2021, 5:14 PM IST

कोरोना से बच्चों को बचाओ
कोरोना से बच्चों को बचाओ

हैदराबाद: देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा रिकॉर्ड 4.12 लाख के पार पहुंच गया है. एक दिन में इतने मामले दुनियाभर में किसी भी देश में नहीं आए. चिंता की बात ये है कि हर बीतते रोज के साथ संक्रमितों के साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में सबसे बड़ा डर है बच्चों में फैलता कोरोना संक्रमणा.

बच्चे हो रहे कोरोना का शिकार

बीते साल कोरोना की पहली लहर के दौरान हर उम्र के लोग संक्रमण की चपेट में आए लेकिन बच्चों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा था. पर इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बच्चों को भी चपेट में ले रही है. इस बार नवजात शिशुओं से लेकर 5 से 10 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चे भी संक्रमण का शिकार हो रहे हैं जो सबसे ज्यादा डराने वाली बात है. डॉक्टरों की राय थी कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है जिसकी वजह से उन्हें वायरस ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाया था. ऐसे में सवाल है कि इस साल ऐसा क्या हुआ कि बच्चे भी कोरोना का शिकार हो रहे हैं.

बच्चे हो रहे कोरोना का शिकार

कई राज्यों में बड़ी तादाद में बच्चे हो रहे संक्रमित

कोरोना संक्रमण के कारण इस साल दुनिया के कई और देशों में भी बच्चों में संक्रमण बढ़ा लेकिन इस साल कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा भारत पर कहर बरपा रही है. ऐसे में देश के कई राज्यों में बच्चों में कोरोना संक्रमण के आंकड़े डराने वाले हैं.

i) तमिलनाडु

देश के सबसे दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में 4 मई 2021 तक 44,921 मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 0 से 12 साल के बीच थी. तमिलनाडु में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. गुरुवार 6 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में बीते 24 घंटे में 23,310 नए मामले सामने आए और इस दौरान 167 मरीजों की कोरोना से मौत हुई. तमिलनाडु में कुल मरीजों की तादाद 12,72,602 पहुंच गई है, जिनमें से 1,28,311 एक्टिव केस हैं जबकि अब तक कुल 14,779 लोगों की मौत हो चुकी है.

ii) कर्नाटक

कर्नाटक में 29 मार्च 2021 तक 0 से 9 साल तक की उम्र के 27,674 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए. वैसे मौजूदा कोरोना की लहर में कर्नाटक में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बुधवार 5 मई को कर्नाटक में 24 घंटे के दौरान 50 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए, जो राज्य में अब तक एक दिन में आए सबसे ज्यादा मामले हैं. इस दौरान 346 मरीजों की मौत भी हुई. कर्नाटक में कुल 4 लाख 87 हजार 288 सक्रिय मामले हैं जबकि कुल संक्रमितों की संख्या 17 लाख 41 हजार के पार पहुंच चुकी है. कर्नाटक में अब तक कोरोना से कुल 16,884 लोगों की जान गई है.

iii) महाराष्ट्र

कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा कहर इस बार भी महाराष्ट्र पर टूटा है और इस लहर में बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आए हैं. आंकड़ों के मुताबिक इस साल 0 से 10 वर्ष तक के 20,200 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें से जनवरी में 2000, फरवरी में 2700 और मार्च से 15500 बच्चे कोरोना पॉजीटिव हुए.

महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में 57,640 नए केस सामने आए हैं जबकि इस दौरान 920 लोगों की मौत हुई. राज्य में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 48,80,542 पहुंच गया है, जिनमें से 6,41,910 एक्टिव केस हैं. महाराष्ट्र में अब तक कुल 72,662 लोगों की जान गई है.

iv) हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में बीते 17 अप्रैल तक 0 से 10 साल के 2025 बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. हिमाचल प्रदेश एक छोटा पहाड़ी राज्य है जिसकी आबादी करीब 70 लाख है लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में यहां भी संक्रमण तेजी से फैला है. बुधवार को हिमाचल में 3842 मामले सामने आए, जबकि 32 लोगों की मौत हुई. प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1,14,787 पहुंच गया है जिनमें से 25,902 एक्टिव केस हैं. हिमाचल में कोरोना की वजह से अब तक 1692 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

नवजातों पर सबसे बड़ा खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता व्यस्कों के मुकाबले अधिक होती है लेकिन सबसे बड़ा खतरा एक साल से कम उम्र के शिशुओं पर है, ऐसा उनके अपरिपक्त इम्यून सिस्टम और छोटे वायुमार्गों की वजह से है. जिसके चलते संक्रमण होने पर सांस लेने में ज्यादा समस्या आती है. नवजात बच्चे जन्म के समय या डिलीवरी के बाद देखभाल करने वालों के संपर्क में आने से संक्रमित हो सकते हैं.

बच्चों में ये हो सकते हैं कोरोना के लक्षण

बच्चों में लक्षण दिखे तो हो जाओ सावधान !

0 से लेकर 10 से 12 साल तक के बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जानकारों की मानें तो बच्चों और व्यस्कों में संक्रमण के लक्षण एक जैसे होते हैं. कई बार रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होने के कारण बच्चों में ज्यादा लक्षण नजर नहीं आते, जिसके कारण वो संक्रमण को दूसरों तक फैला सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संक्रमण बच्चों में मामूली खांसी, जुखाम जैसे लक्षणों को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है. ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि वो खुद के साथ दूसरों में भी संक्रमण को फैला सकते हैं.

बच्चों में बुखार, ठंड लगना, नाक बंद या नाक बहना, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, थकान, सिर दर्द, मांसपेशियों या बदन दर्द, उल्टी, डायरिया, भूख कम लगना, पेट दर्द, स्वाद या सूंघने की क्षमता का घटना जैसे लक्षण कोविड-19 के हो सकते हैं.

दूसरी लहर में क्यों प्रभावित हो रहे हैं बच्चे

सवाल है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बच्चे संक्रमण का शिकार क्यों हो रहे हैं. जबकि पिछले साल कोरोना काल के दौरान बच्चों में संक्रमण ना के बराबर था. विशेषज्ञों की मानें तो इसकी कई वजह हैं.

- कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भी इसका जिम्मेदार है. मौजूदा लहर में कोरोना वायरस का डबल और ट्रिपल म्यूटेंट सामने आया है, जो ज्यादा तेजी से फैलता है.

-पहली लहर के बाद जनजीवन पटरी पर आने लगा तो लोगों ने एहतियात या सावधानियों की अनदेखी शुरू कर दी. बच्चे भी आपस में मिलने लगे, घर से बाहर निकले और खेलने लगे. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया.

-कई जानकार मानते हैं कि बच्चों के लिए टीकाकरण ना होना भी एक वजह है. वैसे दुनिया में फिलहाल कहीं भी बच्चों का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है. भारत सरकार ने 18 साल से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण अभियान शुरु किया है.

एक्सपर्ट की सुनें

बच्चे संक्रमित हों तो क्या करें ?

हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रमेश का कहना है कि मामूली या हल्के लक्षण दिखते ही डॉक्टरी सलाह लें और जांच करवाएं. संक्रमित होने पर बच्चे को घर के अन्य लोगों से दूर रखें, घर में किसी अन्य के संक्रमित होने पर भी बच्चों को दूर रखें. संभव हो तो ऐसे में बच्चे के लिए परिवार के अन्य सदस्यों से अलग बेडरूम और बाथरूम की व्यवस्था करें.

- शुरुआती लक्षण दिखते ही सावधान हो जाएं और डॉक्टर की सलाह लें.

- डॉक्टर की सलाह पर कोरोना टेस्ट करवाएं ताकि संक्रमण की पुष्टि हो सके.

- संक्रमण होने पर बच्चे को घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें (क्वारंटीन करें)

- डॉक्टर की सलाह पर दवा लें और गुनगुने पानी से गरारे करें.

- शरीर में पानी की मात्रा कम ना होने दें, तरल पदार्थ देते रहें.

- बच्चे के ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखें, स्तर कम होने पर अस्पताल में भर्ती कराएं.

- बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चों को कोई भी दवाई ना दें.

कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण के इस दौर में बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर बनाकर रखें. मामूली समझे जाने वाले लक्षण बच्चों के शरीर में कोरोना की दस्तक हो सकते हैं. इसलिये बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहिये और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए बच्चों को भी प्रेरित कीजिए और कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लीजिए.

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Last Updated : May 6, 2021, 5:14 PM IST

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