नई दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शनिवार को कहा कि हम प्यार, देखभाल और स्नेह के नाम पर अपनी मान्यताओं, अपने विचारों और परंपराओं को बच्चों पर थोपते हैं. बचपन विश्वासों के पिंजरों में खो रहा है और हमें इन सलाखों को तोड़ने की जरूरत है.
सिसोदिया दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) की ओर से बच्चों के जीवन पर चिल्ड्रेन फर्स्ट-जर्नल के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे. जर्नल का पहला अंक बच्चों के जीवन पर COVID-19 महामारी के प्रभाव के विषय पर है. सिसोदिया ने कहा कि बच्चों का बचपन बेड़ियों में खो रहा है. विश्वास और इन बंधनों को तोड़ने की जरूरत है.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंदर भट्ट ने स्वीकार किया कि पत्रिका उन बच्चों के मुद्दों पर अभूतपूर्व ध्यान देती है, जिन्होंने अपनी प्राथमिक देखभाल करने वालों को खो दिया है.